Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

राम नवमी पर इन खास भोग से प्रसन्न होंगे प्रभु श्री राम, देंगे वरदान

हमें फॉलो करें राम नवमी पर इन खास भोग से प्रसन्न होंगे प्रभु श्री राम, देंगे वरदान
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार श्री राम नवमी के दिन भगवान राम के पूजन एवं आरती के पश्चात उन्हें नैवेद्य चढ़ाया जाता है। उनके पूजन में दूध और घी का अहम स्थान माना गया है। अत: आज पंचामृत चढ़ाने का विशेष महत्व है। इसके अलावा श्रीखंड, खीर, पंजीरी, हलवा आदि बनाकर उन्हें भोग के रूप में चढ़ाया जाता है। यदि आप भी प्रभु श्री राम की कृपा प्राप्ति चाहते हैं तो आज यानी चैत्र शुक्ल नवमी के दिन इन प्रसादों को भोग स्वरूप अवश्‍य चढ़ाएं- 

पंचामृत
 
सामग्री : 
250 मिली गाय का दूध (ताजा), 2 टेबल चम्मच मिश्री पिसी हुई, 1 चम्मच शहद, 1 चम्मच देशी घी, 2 चम्मच ताजा दही, 2-3 तुलसी के पत्ते। 
 
विधि : 
सबसे पहले गाय के ताजे दूध में पिसी मिश्री, शहद, दही एवं घी मिलाकर अच्छी तरह फेंट लें। इसमें तुलसी के पत्ते मिलाएं। लीजिए पंचामृत तैयार है। 
 
इस प्रकार दूध, चीनी, शहद दही और घी आदि पांच अमृतों को मिलाकर ही पंचामृत बनाया जाता है, इसके सेवन से स्वास्थ्य बेहतर बना रहता है।

राजगिरे की पंजीरी
 
सामग्री :
100 ग्राम राजगिरे का आटा, 150 ग्राम शक्कर बूरा, 50 ग्राम किशमिश, 100 ग्राम सभी प्रकार के मेवों की कतरन, आधा चम्मच पिसी इलायची, पाव कटोरी तला व बारीक कूटा हुआ गोंद, कुछेक किशमिश, 150 ग्राम घी।
 
विधि : 
सर्वप्रथम घी गरम कर राजगिरे का आटा डालकर धीमी आंच पर गुलाबी होने तक सेक लें। सिका आटा थोड़ा ठंडा होने के पश्चात शक्कर बूरा और इलायची पावडर मिलाकर मिश्रण को एकसार कर लें। 
 
अब उसमें तला गोंद व मेवों की कतरन तथा किशमिश मिक्स कर दें। लीजिए तैयार है राजगिरे की शाही पंजीरी।

श्रीखंड
 
सामग्री : 
फ्रेश दही एक लीटर अथवा आधा किलो चक्का (श्रीखंडा का), पिसी शक्कर डेढ़ कटोरी, 2 चम्मच गुलकंद, आधा कटोरी सूखे गुलाब की पत्तियां, पाव कटोरी मेवे की कतरन, आधा चम्मच इलायची पावडर। 
 
विधि : 
सबसे पहले दही को 3-4 घंटे के लिए मलमल के कपड़े में बांध कर लटका दीजिए। जब तक कि दही का पूरा पानी न निथर जाए। अब गुलकंद में दो चम्मच गुलाब की पत्तियों को मिला लें। गाढ़े दही या चक्का और पिसी शक्कर को बड़े बर्तन में अच्छी तरह मिलाएं। 
 
किसी छलनी या बारीक कपड़े से छान लें, ताकि कण न रह जाएं। गुलकंद, मेवे की कतरन और इलायची डालकर अच्छी तरह मिलाएं। कटोरियों में डालकर बची गुलाब की पत्तियों से सजा कर पेश करें। इसे आप उपवास में भी उपयोग में ला सकते हैं।

राजगिरे का हलवा
 
सामग्री : 
150 ग्राम राजगिरा आटा, आधा कटोरी शक्कर, पाव चम्मच इलायची पावडर, पाव कटोरी कटे मेवे, घी आवश्यकतानुसार व एक गिलास गरम पानी। 
 
विधि : 
सबसे पहले राजगिरा आटे को छान लें। एक कड़ाही में घी गरम करके आटे को धीमी आंच पर जब तक सेकें तब तक आटे में से भीनी-भीनी खुशबू न आने लगे। 
 
राजगिरे की घी में अच्छी तरह सिकाई होने के बाद उसमें गरम पानी डालें व अच्छी तरह हिलाएं। अब शक्कर डालें व हिलाती रहें। जब हलवे का मिश्रण कड़ाही के किनारे छोड़ने लगे तब गैस बंद कर दें। इलायची और मेवे मिलाकर ढंक दें। अब तैयार राजगिरा हलवा से प्रभु को भोग लगाएं।

 
शाही चूरमा
 
सामग्री : 
250 ग्राम सिंघाड़ा आटा, 250 ग्राम राजगिरा आटा, 300 ग्राम गुड़, 50-50 ग्राम गोंद और बादाम बारीक कटी, 1 छोटा चम्मच इलायची पावडर, 1 खोपरे का गोला कसा हुआ, 1 बड़ा चम्मच घी (मोयन), 100 ग्राम घी तलने के लिए। सजावट के लिए- 4-5 चांदी का वर्क, किशमिश, बादाम और काजू। 
 
विधि : 
राजगिरे और सिंघाडे के आटे को मिलाकर एक बड़ा चम्मच घी का मोयन डालकर ठंडे पानी से आटा गूंथ लीजिए। ध्यान रहें आटा पूरी के आटे जैसा गूंथना है। अब एक कड़ाही में घी गर्म करें। तैयार आटे के मुठिए बनाकर घी में गुलाबी होने तक धीमी आंच पर तलें।
 
अब मुठिए ठंडे होने के लिए रख दें। ठंडे होने पर उसे मिक्सी में पीस लें। इसे छानें। उसी घी में गोंद के फूले तल लें। अब 100 ग्राम के करीब घी लेकर उसमें गुड़ को धीमी आंच पर गर्म कर लें। 
 
जब गुड़ पूरी तरह घी में मिल जाए, तब उसमें पिसा हुआ मुठिए का मिश्रण मिला लें। फिर उसे परात में लेकर उसमें इलायची, गोंद के फूले, खोपरा बूरा और बादाम की कतरन मिला लें। लीजिए तैयार है शाही चूरमा। इस पर चांदी का वर्क लगाएं। बादाम, काजू और किशमिश से सजा कर पेश करें।

rk.


webdunia

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

क्‍या होता है एबीसी इम्युनिटी-बूस्टिंग डिटॉक्स ड्रिंक, क्‍यों है हर सुबह पीना जरूरी