नई दिल्ली:विश्व कप विजेता पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव का मानना है कि देश के क्रिकेटर राष्ट्रीय टीम से अधिक आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) को प्राथमिकता देते हैं तथा मौजूदा टी20 विश्व कप के दौरान की गयी गलतियों से बचने के लिये बेहतर कार्यक्रम तैयार करने की जिम्मेदारी भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की है।
भारत सुपर 12 में पहले दो मैच गंवाने के कारण टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में जगह नहीं बना पाया। न्यूजीलैंड ने रविवार को अफगानिस्तान को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया जिससे भारत बाहर हो गया।
कपिल ने एबीपी न्यूज से कहा, जब खिलाड़ी देश के लिये खेलने से ज्यादा आईपीएल को प्राथमिकता देते हैं, तो हम क्या कह सकते हैं? खिलाड़ियों को अपने देश के लिये खेलने पर गर्व होना चाहिए। मुझे उनकी वित्तीय स्थिति का पता नहीं है इसलिए मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता।
आईपीएल का आयोजन टी20 विश्व कप से ठीक पहले किया गया था। कोविड-19 महामारी के कारण बीसीसीआई ने इतना व्यस्त कार्यक्रम तैयार किया।कपिल ने कहा, मुझे लगता है कि पहले राष्ट्रीय टीम और फिर फ्रेंचाइजी होनी चाहिए। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि वहां (आईपीएल) क्रिकेट न खेलें, लेकिन बेहतर योजना तैयार करने की जिम्मेदारी अब बीसीसीआई पर है।
उन्होंने कहा, इस टूर्नामेंट में हमने जो गलतियां की हैं, उन्हें नहीं दोहराना हमारे लिये सबसे बड़ी सीख होगी।
कपिल ने इसके साथ ही कहा कि आईपीएल के दूसरे चरण और टी20 विश्व कप के बीच में अंतर होना चाहिए था।
यह 2012 के बाद पहला अवसर है जबकि भारत किसी आईसीसी टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह नहीं बना पाया और कपिल ने कहा कि प्रत्येक को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा, यह भविष्य पर गौर करने का समय है। आपको तुरंत योजना तैयार करनी शुरू कर देनी चाहिए। ऐसा नहीं है कि विश्व कप खत्म हो गया है तो भारतीय टीम का पूरा क्रिकेट भी खत्म हो गया है। जाओ और योजना तैयार करो।
कपिल ने कहा, मेरा मानना है कि आईपीएल और विश्व कप के बीच कुछ समय का अंतर होना चाहिए था। आज हमारे खिलाड़ियों को पर्याप्त मौके मिल रहे हैं लेकिन वे उसका फायदा नहीं उठा पाये। उन्होंने (शीर्ष खिलाड़ियों) अपने करियर में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन अगर आप अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो आपको आलोचना का सामना करना पड़ेगा ... रवि शास्त्री, विराट कोहली का रिकार्ड अच्छा है, लेकिन अगर आप आईसीसी प्रतियोगिता नहीं जीत पाते हैं तो इससे उन्हें और पीड़ा होगी।
हमने रन नहीं बनाये, हार का कोई और कारण नहीं : गावस्कर
पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा कि भारतीय बल्लेबाजों का मजबूत टीमों के खिलाफ रन बनाने में असफल रहना टीम के टी20 विश्व कप से जल्दी बाहर होने का मुख्य कारण रहा तथा उन्होंने टीम से पावरप्ले के ओवरों में अपना रवैया बदलने का आग्रह किया।
भारत सुपर 12 के पहले दो मैचों में पाकिस्तान और न्यूजीलैंड से हारने के कारण सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो गया।
गावस्कर ने स्पोर्ट्स तक में कहा, जिस तरह से पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने हमारे बल्लेबाजों पर अंकुश लगाया, उन्हें खुलकर नहीं खेलने दिया, यही मुख्य कारण था कि भारत आगे नहीं बढ़ पाया। ओस (दूसरी पारी में) बल्लेबाजी को आसान बना रही थी क्योंकि गेंद टर्न नहीं कर रही थी और स्पिनरों की गेंदें सीधी जा रही थी।
उन्होंने कहा, बाद में बल्लेबाजी करने का फायदा था लेकिन अगर आपने 180 रन बनाये होते तो गेंदबाजों को अतिरिक्त 20-30 रन बचाव के लिये मिलते। जब आप 111 (न्यूजीलैंड के खिलाफ) बना रहे हैं तो ओस मायने नहीं रखती। हमने रन नहीं बनाये और यही मुख्य कारण है, और कुछ नहीं।
गावस्कर टीम में आमूलचूल बदलाव के पक्ष में नहीं हैं और उन्होंने टीम से पावरप्ले के ओवरों में अपना रवैया बदलने के लिये कहा।उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि टीम में आमूलचूल बदलाव से कोई अंतर पड़ेगा। आपको अपना रवैया बदलने की जरूरत है, जैसे पावरप्ले ओवरों का लाभ उठाना जैसा कि भारत पिछले कुछ विश्व कप में नहीं कर पाया।
गावस्कर ने कहा, सच्चाई यह है कि पहले छह ओवरों में केवल दो क्षेत्ररक्षक 30 गज के दायरे के बाहर होते है, भारत ने आईसीसी के पिछले कुछ टूर्नामेंटों में इसका फायदा नहीं उठाया।उन्होंने कहा, जब भी भारत का सामना मजबूत टीम से हुआ जिसके पास अच्छे गेंदबाज हैं … तो वह रन नहीं बना सकता। इसमें बदलाव की जरूरत है।
गावस्कर ने इसके साथ ही कहा कि भारत के लचर प्रदर्शन का एक और कारण क्षेत्ररक्षण रहा।उन्होंने कहा, दूसरा और बेहद महत्वपूर्ण, उनके पास ऐसे खिलाड़ी होने चाहिए जो क्षेत्ररक्षण में बेजोड़ हों। न्यूजीलैंड ने जिस तरह से क्षेत्ररक्षण किया, रन बचाये, कैच लिये, वह काफी महत्व रखता है।(भाषा)