भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ मैच शुरु होने से पहले घुटने टेके थे। शुरु से लेकर अंत तक टीम इंडिया बस घुटने टेकते ही नजर आयी। कुछ क्रिकेट विशेषज्ञ तो यहां तक मान रहे थे कि यह मैच एकतरफा होगा, एकतरफा हुआ लेकिन जीत पाकिस्तान की हुई।
टॉस से लेकर गेंदबाजी, बल्लेबाजी और फील्डिंग पाकिस्तान हर क्षेत्र में जीता। कहां यह माना जा रहा था कि पाकिस्तान पर छठवीं जीत का जश्न भारत मनाएगा लेकिन पाकिस्तान के लिए कल एक एतिहासिक दिन बन गया।
यह सिर्फ जीत ही नहीं थी बल्कि भारत ने इतने वर्षों से पाकिस्तान पर जो विश्वकप में मनोवैज्ञानकि दबाव कायम किया था, वह हट गया। जितना अच्छा पाकिस्तान का खेल था उतना ही खराब भारत का खेल भी था।
भारत के कुछ मुख्य खिलाड़ी थे जिन पर यह दारोमदार था कि पाक के खिलाफ एक जीत दर्ज कराएं। लेकिन वह बिल्कुल फ्लॉप साबित हुए।
भारतीय सलामी बल्लेबाज
अभ्यास मैच में अपना सारा जौहर दिखाने वाले दोनों सलामी बल्लेबाज मैच शुरु होते साथ ही पवैलियन रवाना हो गए। रोहित शर्मा तो जैसे चैंपियन्स ट्रॉफी 2017 के फाइनल के डिसमिसल से कुछ सीखे ही नहीं है। पहले वह आमिर के द्वारा ऐसे आउट हुआ करते थे। कल उसी अंदाज में शाहीन अफरीदी ने उन्हें गोल्डन डक पर एलबीडब्ल्यू कर चलता कर दिया। इस पहले ओवर के आघात से टीम इंडिया अंत तक नहीं उबर पायी।
इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अभ्यास मैच में बड़ी पारियां खेलने वाले केएल राहुल सिर्फ 3 रन बना पाए और वह भी शाहीन अफरीदी की अंदर आती हुई गेंद पर बोल्ड हो गए। दोनों ही बल्लेबाज क्रीज पर जमे रहे और विराट कोहली की तरह क्रीज के बाहर खड़े होकर शाहीन की गेंद की स्विंग को काटने का प्रयास ही नहीं किया।
हार्दिक पांड्या-
हार्दक पांड्या पिछले साल भले ही टीम इंडिया के स्टार रहे हों लेकिन इस साल टीम उनको ढो रही है। वह गेंदबाजी के लिए तो अनफिट हैं ही सही बल्लेबाजी में भी कुछ कमाल नहीं दिखा पाए। हार्दिक पांड्या महज 8 गेंदो में 2 चौकों की सहायता से 11 रन बनाकर पवैलियन लौट गए। इस दौरान रन लेते वक्त उन्होंने खुद को चोटिल भी कर लिया।
एक ऑलराउंडर होते हुए हार्दिक पांड्या को उनकी बल्लेबाजी के लिए ही रखा गया था। अगर वह मैच फिट नहीं होते तो भारत को कम से कम एक गेंदबाज खिलाने की सहूलियत मिलती। लेकिन उन्होंने एक गेंदबाज की जगह भी घेरी और बल्ले से वह कमाल भी नहीं किया जिसके लिए वह अंतिम ओवरों में जाने जाते हैं।
मोहम्मद शमी
दूसरी पारी में जब भारतीय गेंदबाजों ने गेंदबाजी शुरु की तो पहली गेंद पर स्विंग जरुर मिली लेकिन उसके बाद कुछ हासिल नहीं हुआ। विकेट निकालने की काबिलियत रखने वाले मोहम्मद शमी कल पूरी तरह बेअसर साबित हुए।
मोहम्मद शमी को विकेट तो मिला ही नहीं उल्टे उनको पाक सलामी बल्लेबाजों ने मिलकर टारगेट किया। शमी ने पाकिस्तान के खिलाफ ही साल 2012 के वनडे में किफायती गेंदबाजी की थी जिसके कारण उनको टीम में जगह मिली थी।
लेकिन वह शमी कल कही खो गया था। हालांकि मैदान पर 6 ओवर बाद ड्यू भी काफी देखने को मिली जिसके कारण गेंद को पकड़ने में दिक्कत हो रही थी। लेकिन इतने अनुभवी गेंदबाज से ऐसा प्रदर्शन फैंस को स्वीकार्य नहीं है।
शमी ने अपने 3.5 ओवर में 11.21 की रन गति से 43 रन लुटाए। अपने स्पैल में वह सिर्फ 5 डॉट गेंदे डाल पाए। उनकी गेंदो पर 6 चौके और 1 छक्का पड़ा। (वेबदुनिया डेस्क)