एडीलेड: महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर को उम्मीद है कि भारत के गुरूवार को टी20 विश्व कप सेमीफाइनल में इंग्लैंड के हाथों मिली 10 विकेट की शर्मनाक हार के बाद कुछ सीनियर खिलाड़ी संन्यास की घोषणा कर देंगे।
गावस्कर को यह भी लगता है कि रोहित शर्मा के कप्तानी छोड़ने के बाद आल राउंडर हार्दिक पंड्या यह जिम्मेदारी संभालेंगे।
पूर्व भारतीय कप्तान ने स्टार स्पोर्ट्स पर कहा, इंडियन प्रीमियर लीग में पहली बार कप्तान की जिम्मेदारी संभालने पर अपनी टीम को जीत दिलाने के बाद उन्होंने हार्दिक पंड्या को अगले कप्तान के रूप में तय कर दिया होगा।
उन्होंने कहा, हार्दिक पंड्या निश्चित रूप से भविष्य में टीम की कमान संभालेंगे और कुछ खिलाड़ी संन्यास भी लेंगे, आप कुछ नहीं कह सकते। खिलाड़ी इस पर काफी विचार कर रहे होंगे।
गावस्कर ने कहा, कुछ खिलाड़ी 30 से 40 साल के बीच हैं जो भारतीय टी20 अंतरराष्ट्रीय टीम में अपने स्थान के बारे में फिर विचार कर रहे होंगे।
विराट कोहली इस विश्व कप में टीम के सर्वाधिक रन जुटाने वाले खिलाड़ी रहे हैं, लेकिन सीनियर खिलाड़ी जैसे कप्तान रोहित शर्मा, रविचंद्रन अश्विन और दिनेश कार्तिक के लिये यह टूर्नामेंट निराशाजनक रहा जिनकी उम्र 30 से 40 साल के बीच हैं।
रोहित शर्मा और विराट कोहली पर फैसला छोड़ेगी बीसीसीआई
भारत की टी20 टीम में अगले 24 महीनों में बड़ा बदलाव होगा क्योंकि रोहित शर्मा, विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन जैसे सीनियर खिलाड़ियों को धीरे-धीरे बाहर कर दिया जाएगा। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
ऐसा लगता है कि अश्विन और दिनेश कार्तिक ने सबसे छोटे प्रारूप में भारत के लिए अपने आखिरी मुकाबले खेल लिए हैं लेकिन बीसीसीआई अपने टी20 अंतरराष्ट्रीय भविष्य के बारे में फैसला करने की जिम्मेदारी कोहली और रोहित पर छोड़ देगा।
टी20 विश्व कप सेमीफाइनल में टीम की शर्मनाक हार के बाद परेशान दिख रहे रोहित को मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने सांत्वना दी और फिर प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया का सामना भी किया।
रोहित और कोहली बहुत बड़े नाम हैं और संभावना है कि बीसीसीआई अपने भविष्य का फैसला उन्हें ही करने देगा।
रोहित अभी 35 साल के हैं और दो साल में 37 साल की उम्र में उनके वैश्विक टी20 टूर्नामेंट में टीम की अगुआई करने की उम्मीद नहीं है।
कार्तिक को मौजूदा टी20 विश्व कप को देखते हुए अल्पकाल के लिए फिनिशर की भूमिका सौंपी गई थी।
जहां तक अश्विन की बात है तो पूरे टूर्नामेंट के दौरान वह विपक्षी बल्लेबाजों को परेशान करने में नाकाम रहे। छह मैच में उनके छह में से तीन विकेट जिंबाब्वे के खिलाफ आए। उन्होंने इस दौरान 8.15 की इकोनॉमी रेट से रन दिए।
एकमात्र मुश्किल फैसला लोकेश राहुल को लेकर होगा। उनका 120.75 का स्ट्राइक रेट दर्शाता है कि भारतीय टीम में सब कुछ सही नहीं है।राहुल शीर्ष टीमों में एकमात्र सलामी बल्लेबाज हैं जिन्होंने दो मेडन ओवर खेले हैं और बड़े मैच में किसी भी शीर्ष टीम (चार बनाम पाकिस्तान, नौ बनाम दक्षिण अफ्रीका, नौ बनाम इंग्लैंड) के खिलाफ दोहरे अंक में नहीं पहुंच पाए। (भाषा)