इंग्लैंड क्रिकेट का जन्मदाता है। क्रिकेट की सबसे पुरानी दुश्मनी एशेज और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जाती है। लेकिन क्रिकेट शुरु करने के बाद भी इंग्लैंड सालों से वनडे विश्वकप या फिर आईसीसी ट्रॉफी जीतने से महरूम रहा।
कई बार मौका बना लेकिन इंग्लैंड फाइनल तक पहुंच कर पस्त हो गया। साल 2019 का वनडे विश्वकप इंग्लैंड शायद जीत नहीं पाता अगर उसने साल 2010 में टी-20 विश्वकप नहीं जीता होता। इस जीत से इंग्लैंड का यह भ्रम टूटा कि वह कभी आईसीसी टूर्नामेंट जीत ही नहीं सकता।
बारिश ने इंग्लैंड को पहले दौर से बाहर होने से बचाया
ग्रुप डी में पदस्थ इंग्लैंड के सामने लीग मैचों में मेजबान वेस्टइंडीज और आयरलैंड थी। पहले ही मैच में इंग्लैंड को वेस्टइंडीज के हाथों 8 विकेटों से हार का सामना करना पड़ गया। इंग्लैंड के 191 रनों पर 5 विकेट के जवाब में वेस्टइंडीज 5.5 ओवर में 2 विकेट के नुकसान पर 61 रन बना चुकी थी और डकवर्थ लुईस नियम के हिसाब से वेस्टइंडीज को विजेता घोषित किया गया।
इसके बाद इंग्लैंड अपने पड़ोसी मुल्क आयरलैंड के सामने 8 विकेट खोकर 120 रन ही बना सकी। जवाब में आयरलैंड 1 विकेट खोकर 3.3 ओवर में 14 रन बना चुका था कि बारिश आ गई। अगर बारिश थोड़ी देर होती और आयरलैंड अगरे 2.5 ओवर में 10 रन बिना खोए विकेट बना लेता तो इंग्लैंड पहले ही दौर में बाहर हो जाती। लेकिन इस मैच का कोई नतीजा नहीं निकला और रन रेट के आधार पर इंग्लैंड सुपर 8 में पहुंची।
सुपर 8 में नहीं हारा एक भी मैच
पिछले विश्वकप की तरह इंग्लैंड ने इस बार भी पाकिस्तान पर जीत दर्ज की । इंग्लैंड यह मैच 6 विकेट से जीता। इसके बाद इंग्लैंड का सामना दक्षिण अफ्रीका से हुआ जिसमें इंग्लैंड ने 39 रनों से जीत अर्जित की। न्यूजीलैंड से हुए मुकाबले में इंग्लैंड को थोड़ा संघर्ष करना पड़ा लेकिन अंत में यह मैच इंग्लैंड 3 विकेट से जीत गया।
ग्रुप ई के सभी तीन मैच इंग्लैंड जीतने में सफल रहा। इस दौर में केविन पीरटसन ने दो मैचों में अर्धशतक बनाया और लगा कि वह इस टूर्नामेंट के सबसे खतरनाक बल्लेबाज बन कर उभरे हैं।
सेमीफाइनल में श्रीलंका को किया परास्त
केविन पीटरसन ने अपना फॉर्म जारी रखा और उनकी धुआंधार बल्लेबाजी के कारण टीम श्रीलंका को आसानी से सात विकटों से हराकर फाइनल में पहुंच गई। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया ने भी रोमांचक मैच में पाकिस्तान को 3 विकेट से हरा दिया।
टी-20 में दिखी एशेज की दुश्मनी, इंग्लैंड पड़ी भारी
एशेज के चिर परिचित प्रतिद्वंदी टी-20 फाइनल में आमने सामने थे। दोनों ही टीम पहली बार टी-20 विश्वकप के फाइनल में पहुंची थी। टॉस जीतकर इंग्लैंड ने पहले गेंदबाजी का फैसला किया। इंग्लैंड के गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया के शुरुआती विकेट गिराए और उन्हें खुलकर खेलने नहीं दिया। अंत में ऑस्ट्रेलिया डेविड हसी की 59 रनों की सधी हुई पारी की बदौलत 6 विकेट खोकर 147 रन बना पायी।
148 रनों का पीछा कर रही इंग्लैंड शुरुआती विकेट के अलावा कभी परेशानी में नहीं दिखी। विकेटकीपर क्रैग्सविटर और केविन पीटरसन ने धुआंधार 111 रनों की साझेदारी कर यह सुनिश्चित किया कि इंग्लैंड को पहली आईसीसी ट्रॉफी मिले। यह मैच इंग्लैंड ने 7 विकेट से जीत लिया।
विकेटकीपर क्रैग्सविटर को मैन ऑफ द मैच और इंग्लैंड के केविन पीटरसन को 248 रनों के लिए मैन ऑफ द टूर्नामेंट का पुरुस्कार दिया गया। (वेबदुनिया डेस्क)