आज के युग में
ज्ञान उपलब्ध है
हुनर भी उपलब्ध है
फिर भी ज्ञान और हुनर
होने के बाद भी
शिक्षकों की जरूरत
आज भी है
इस देश को
दुनिया को
शिक्षकों के सहयोग के
बिना संभव नहीं है
देश को बदलना
संभव नहीं है
इंसानों को बदलना
चाहे राम हो या रहीम
अर्जुन हो या कृष्ण
सभी को थी जरूरत
शिक्षकों की
तभी तो इस दुनिया में
राम, कृष्ण की तरह
और भी नए बिरले
आते रहेंगे, बनते रहेंगे
वह शिक्षक जो हमेशा से
अपने ज्ञान का उजियारा
फहराए
बाँट रहे हैं
दुनिया और देश को
नित नए ज्ञानी।
आज भी जरूरत है
उन शिक्षकों की
इस देश और समाज को।