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गुरु की महिमा
- रितेश कछाला
गुरु की महिमा न्यारी है,अज्ञानता को दूर करके।ज्ञान की ज्योत जलाई है,गुरु की महिमा न्यारी है।।गुरुवर के चरणों में रहकर,हमने शिक्षा पाई है।गलत राह पर भटके जब हम,तो गुरुवर ने राह दिखाई है,गुरु की महिमा न्यारी है।।माता-पिता ने जन्म दिया परगुरु ने जीने की कला सिखाई है।ज्ञान चरित्र और संस्कार की,हमने शिक्षा पाई है,गुरु की महिमा न्यारी है।।जब भी करते गलत कार्य हम,तब पिटाई भी लगाई है।सद्मार्ग पर चलें सभी हम,बात सदा दोहराई है,गुरु की महिमा न्यारी है।आरूणि की गुरुभक्ति से,हमने शिक्षा पाई है।कबीर जैसे महान संत ने गुरु की महिमा गाई है।गुरु और गोविंद में भीगुरु ही सबसे भारी है।गुरु की महिमा न्यारी है।।साभार : देवपुत्र