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Teachers Day Special : जिन हाथों में बैसाखी है वो गढ़ रहे हैं देश के बच्चों का उज्ज्वल भविष्य

छत्तीसगढ़ में दुर्ग की ये शिक्षिका बनीं बच्चों के लिए मिसाल, मिलेगा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार

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WD Feature Desk

Teacher K Sharda

Teachers Day Special : अगर किसी काम के लिए लगन हो तो इंसान की कमियां उसकी कोशिशों के आगे कम पड़ जाती हैं। इसी बात की मिसाल बनी हैं छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की शिक्ष‍िका शारदा। शारदा बैसाखी के सहारे चलती हैं और दाहिना हाथ भी काम नहीं करता, लेकिन काम के प्रति उनका समर्पण ऐसा था को उन्होंने कोरोना के दौरान मोहल्ला क्लास में बच्चों को पढ़ाया।

शारदा  ने उस दौरान पढ़ाई से जुड़े 270 से ज्यादा वीडियो अपलोड किए और खुद की वेबसाइट तैयार कर बच्चों को मदद की। अब उन्हें राष्ट्रपति के हाथों राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने जा रहा है। शिक्षिका शारदा छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला खेदामारा में बच्चों को पढ़ाती हैं।ALSO READ: Teachers Day Special: बिहार की खुशबू मैडम की टीचिंग स्टाइल ने मचाया भौकाल, खेल-खेल में पढ़ाया बच्चों को गुड टच बेड टच का पाठ

कोरोना के समय पढ़ाई में की बच्चों की मदद
शिक्षिका शारदा साल 2009 से दुर्ग जिले के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला खेदामारा में अपनी सेवाएं दे रही हैं। उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में कई नवाचार और चुनौतियों का सामना करके मिसाल पेश की है। शारदा जी ने इस दौरान सीमित संसाधनों के बावजूद ऑनलाइन और मोहल्ला कक्षाओं की शुरुआत की। इससे यह सुनिश्चित हुआ कि छात्रों की शिक्षा बिना किसी रूकावट के जारी रहेगी। उनकी इसी काबिलियत ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है।

200 से ज्यादा वीडियो को मिला एप्रुवल
कोरोना काल में छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग ने अपनी वेबसाइट सीजी स्कूल डॉट इन पर डिजिटल क्लास की शुरुआत की। इसमें शिक्षकों को पढ़ाई-लिखाई से जुड़ी वीडियो तैयार कर अपलोड करना होता था। उनमें से बेस्ट को चुन कर बच्चों के लिए प्रसारित किया जाता था। तब शिक्ष‍िका शारदा ने करीब 270 वीडियो अपलोड किए। उनकी गुणवत्ता ऐसी थी कि 200 से ज्यादा को एप्रुवल मिल गया। इससे प्रदेशभर के बच्चों की शिक्षा की राह आसान हुई।

खुद की वेबसाइट से बच्चों को पढ़ाया
कोविद के समय वीडियो अपलोड करना उनकी शासकी सेवा का हिस्सा था जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। शारदा ने इससे भी आगे बढ़कर खुद की एक वेबसाइट तैयार कराई। इसमें ब्लॉगिंग के जरिए पढ़ाई से जुड़ी चीज़ें उन्होंने खुद पोस्ट की। यह भी बच्चों के अध्ययन के लिए कारगर साबित हुईं।

बच्चों के लिए लिखी किताब
शारदा जी ने बच्चों के लिए कई किताबें लिखीं जिनमें गणित समेत कहानियों का सार" शामिल है। ये पुस्तकें छात्रों की पढ़ाई को सरल बनाती हैं और उन्हें मूल्य आधारित शिक्षा से जोड़ती हैं। उन्होंने दो राज्यों महाराष्ट्र और गुजरात के बच्चों के साथ ट्यूनिंग की जिससे बच्चों को एक-दूसरे की संस्कृति को समझने का मौका मिला।


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