Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

शिक्षक दिवस पर पढ़िए स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व विकास की शिक्षा देने वाले बहुमूल्य विचार

विद्यार्थियों के लिए स्वामी विवेकांनद के 10 अनमोल विचार-

हमें फॉलो करें Teachers day 2024

WD Feature Desk

, बुधवार, 4 सितम्बर 2024 (17:27 IST)
Teachers day 2024 : प्रेरणा के अपार स्रोत स्वामी विवेकानंद की कही एक-एक बात हमें उर्जा से भर देती है। अपने अल्प जीवन में ही उन्होंने पूरे विश्व पर भारत और हिंदुत्व की गहरी छाप छोड़ी थी। शिकागो में दिया गया उनका भाषण जिसकी शुरुवात उन्होंने 'मेरे अमेरिकी भाइयों और बहनों' से की थी, वो आज भी विश्वभर में लोकप्रिय है और हमें हमारी समृद्ध और गौरवशाली  सांस्कृतिक विरासत का आभास कराता है। अपने जीवन का हर क्षण उन्होंने सेवा भाव में लगाया और इसी से कई युवाओं और विद्यार्थियों को प्रभावित भी किया। 
 
आज भी स्वामी विवेकानंद को उनके विचारों और आदर्शों के कारण ही जाना जाता है। उन्होंने युवाओं को धैर्य, साहस, व्यवहारों की शुद्धता और संघर्षरत रहने का सन्देश हमेशा दिया है। बच्चो के लिए भी स्वामी विवेकानंद के विचार प्रेरणास्त्रोत के रूप में काम करते है।

आइये जानते है स्वामी जी के कुछ अनमोल और प्रेरणादायी विचार-
 
1. उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो, तुम तत्व नहीं हो, ना ही शरीर हो, तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो। 
 
2. किसी की निंदा ना करें: अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं। अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये।
 
3. हम जितना ज्यादा बाहर जायें और दूसरों का भला करें, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा, और परमात्मा उसमे बसेंगे।
 
4. जब तक आप खुद पे विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पे विश्वास नहीं कर सकते।
 
5. सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा।
 
6. उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये। 
 
7. ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हम ही हैं जो अपनी आँखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है।
 
8. अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है।
 
9. बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप है।
 
10. विश्व एक व्यायामशाला है जहां  हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं। 
ALSO READ: Teacher’s Day 2024 : डॉ. राधाकृष्‍णन की ऐसी बातें जिनसे शिक्षक और विद्यार्थी दोनों को मिलती है सीख

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Teachers Day 2024: शिक्षक दिवस विशेष सामग्री (पढ़ें एक क्लिक पर)