हरियाली तीज का व्रत कब रखा जाएगा, पूजा का समय क्या है?
, सोमवार, 21 जुलाई 2025 (15:25 IST)
Hariyali Teej 2025 vrat muhurat: हरियाली तीज श्रावण मास की शुक्ल तृतीया यानी तीसरी तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष 2025 में यह व्रत 27 जुलाई, दिन रविवार को किया जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार तीज का त्योहार मुख्य रूप से उत्तर भारतीय महिलाओं द्वारा बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व मुख्यतः मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार और झारखंड में मनाया जाता है। हर साल सावन/ श्रावण और भाद्रपद मास में आने वाले 3 प्रमुख तीज पर्व हरियाली तीज, कजरी तीज और हरतालिका तीज हैं।
ALSO READ: जल्द ही धरती की इस इस जगह एलियन उतरेंगे, क्या सच होने वाली है ये भविष्यवाणी
आइए जानते हैं यहां हरियाली तीज पर्व के बारे में शुभ मुहूर्त और पूजन का खास समय....
* हरियाली तीज की पूजा सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले की जाती है। इस दिन मुख्य रूप से सुबह और शाम के समय पूजा का विधान है।
* सुबह की पूजा: 27 जुलाई 2025 को सुबह सूर्योदय के बाद से प्रारंभ कर सकते हैं।
* शाम की पूजा/ प्रदोष काल: 27 जुलाई 2025 को सूर्यास्त के बाद का समय भी पूजा के लिए शुभ होता है।
हरियाली तीज 2025: तिथि और मुहूर्त- Hariyali Teej 2025 vrat muhurat
हरियाली तीज 2025 की तिथि: 27 जुलाई 2025, रविवार
• तृतीया तिथि का प्रारंभ: 26 जुलाई 2025 को रात 10:41 बजे से।
• तृतीया तिथि समापन: 27 जुलाई 2025 को रात 10:41 बजे तक।
हरियाली तीज पर पूजा के लिए कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:46 से 05:30 मिनट तक।
प्रातः सन्ध्या: सुबह 05:08 से 06:14 मिनट तक।
अभिजित मुहूर्त : दोपहर 12:19 से 01:11 मिनट तक।
अमृत काल: दोपहर 01:56 से 03:34 मिनट तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:55 से 03:48 मिनट तक।
गोधूलि मुहूर्त: शाम 07:16 से 07:38 मिनट तक।
सायाह्न सन्ध्या: शाम 07:16 से 08:22 मिनट तक।
निशिता मुहूर्त: रात्रि 12:23 से से 28 जुलाई को 01:07 मिनट तक।
रवि योग: 04:23 पी एम से 28 जुलाई 06:14 ए एम तक।
आप अपनी सुविधा अनुसार इनमें से किसी भी शुभ मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं।
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
ALSO READ: सिंधारा दूज कब है, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि
अगला लेख