प्रतिभा खोज कार्यक्रमों का दौर जारी है और लगता है कि चलता ही रहेगा। क्या एसएमएस के जरिए सही प्रतिभाओं का चयन होता है या ये मात्र तमाशा रहता है, इस पर कई बार बहस हुई है। ज्यादातर लोगों का मानना है कि यह चयन की सही प्रक्रिया नहीं है और यदि एसएमएस से ही विजेता चुना जाना है तो कार्यक्रम में मौजूद निर्णायकों का क्या काम? स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर भी इसके खिलाफ है और इसीलिए उन्होंने इस तरह के कार्यक्रमों में कभी निर्णायक बनना मंजूर नहीं किया। ‘स्टार वाइस ऑफ इंडिया’ का जो फाइनल 24 नवंबर को हुआ उसमें वे सिर्फ गजेन्द्र सिंह के कहने पर आईं, जो लता जी को बरसों से अपने कार्यक्रम में बुला रहे थे। मुंबई के अंधेरी स्पोर्टस कॉम्पलेक्स में हजारों दर्शकों की उपस्थिति के बीच इश्मीत सिंह विजेता बने। दोनों के बीच काँटे का मुकाबला हुआ और इश्मित मात्र 4 प्रतिशत ज्यादा वोट पाकर जीत गए। हर्षित को भारत के पूर्वी क्षेत्र, दक्षिण क्षेत्र और पश्चिम क्षेत्र से ज्यादा मत मिले, लेकिन उत्तरी क्षेत्र से इश्मित को इतने ज्यादा वोट मिले कि वे केवल एक क्षेत्र के बल पर ही विजेता बन गए। दोनों को इस प्रकार वोट मिले- उत्तरी क्षेत्र - इश्तिम 63%, हर्षित 37%, पूर्वी क्षेत्र- इश्मित 48%, हर्षित 52%, पश्चिम क्षेत्र- इश्मित 40%, हर्षित 60% और दक्षिण क्षेत्र इश्मित 45%, हर्षित 55%। कुला मिलाकर इश्मित को 52% और हर्षित को 48% वोट मिले।
इस कार्यक्रम की खास बात यह थी कि इसमें स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर और अभिनेत्री माधुरी दीक्षित अपने पति के साथ मौजूद थीं। वॉइस ऑफ इंडिया की ट्राफी लता ने अपने हाथों से विजेता को दी। लता मंगेशकर ने दोनों प्रतियोगियों को हीरे जडि़त सोने की घड़ी अपने ‘स्वरांजलि’ कलेक्शन से दी। इस घड़ी की कीमत तीन लाख रुपए हैं।
इश्मित को बिग म्यूजिक की तरफ से एक कांट्रेक्ट भी मिला है, जिसके अनुसार वे तीन वर्ष तक इस कंपनी के लिए गाएँगे। इश्मित विजेता तो बन गए हैं, लेकिन उनके लिए आगे की राह कठिन है। देखना है कि इश्मित कितनी ऊँचाइयों तक जाते हैं।