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बिग बॉस : क्या बख्तियार ने सही किया है?

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’बिग बॉस’ के घर में अंतिम सप्ताह में चार प्रतियोगियों ने फाइनल में प्रवेश किया। अंतिम मुकाबला विंदू दारासिंह, प्रवेश राणा, पूनम ढिल्लन और बख्तियार ईरानी के बीच है। अचानक कहानी में ट्विस्ट आया। बिग बॉस ने चारों के समक्ष प्रस्ताव रखा कि यदि उनमें से कोई एक दस लाख रुपए लेकर जाना चाहता है तो उसे पूरी छूट है।

विंदू, प्रवेश और पूनम तुरंत इस ऑफर को ठुकरा दिया। इन तीनों को विश्वास है कि वे एक करोड़ की इनामी राशि जीतने में कामयाब होंगे, इसलिए उन्हें इस ऑफर में दम नजर नहीं आया।

बख्तियार सोच में पड़ गए। उन्हें लगा कि दूसरे नंबर पर रहकर खाली हाथ लौटने के बजाय दस लाख रुपए लेकर निकलना अच्छा सौदा है। अंतिम पड़ाव तक तो वे आ पहुँचे हैं। उन्होंने बीवी-बच्चों की याद और अब तक कोई रियलिटी शो न जीत पाने जैसे बहानों को प्रस्तुत किया और सोच-विचार कर गेम से बाहर होने का फैसला किया।

बख्तियार, विंदू की लोकप्रियता से डरे हुए भी थे। नॉमिनेशन में विंदू का नाम छ: या सात बार आया है। घरवालों ने उन्हें निकालने की पुरजोर कोशिश की, लेकिन जनता ने वोट देकर उन्हें बार-बार घर के अंदर धकेला। दूसरी तरफ प्रवेश राणा ने अपने से ज्यादा चर्चित राजू श्रीवास्तव को मुकाबले में परास्त किया। पूनम ढिल्लन की साफ-सुथरी छवि है और जनता उन्हें पसंद भी करती है।

हाल ही में बिग बॉस ने बख्तियार के वो टेप भी दिखाएँ जिनमें उन्होंने अपनी पत्नी तनाज के साथ दुर्व्यवहार किया। इससे बख्तियार के मन में यह डर बैठ गया कि उन्हें अब जनता वोट नहीं देगी।

एक तरफ बख्तियार का यह कदम उचित जान पड़ता है। जब उन्हें लगा कि वे मुकाबला नहीं जीत सकते हैं। जीत के इतने नजदीक आकर खाली हाथ नहीं लौटना चाहते हैं, तो दस लाख रुपए लेकर चलते बनो। यह रकम भी छोटी नहीं है।

दूसरी तरफ कुछ लोगों का कहना है कि बख्तियार को अंत तक लड़ना था। जब वे यहाँ तक पहुँचे हैं जो जीत भी सकते थे। उन्हें जिन लोगों ने वोट दिए हैं वे ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। आप क्या सोचते हैं?

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