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यहाँ मैं घर घर खेली...

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समय ताम्रकर

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राजश्री प्रोडक्शन की फिल्मों में परंपरा, संस्कार और नैतिक मूल्यों का विशेष ध्यान रखा जाता है। कुछ इसी तरह की सोच जी चैनल की भी है। वे ऐसे कार्यक्रम बनाने पर जोर देते हैं जो पूरे परिवार के साथ देखे जा सके। एक जैसी सोच रखने वाले राजश्री प्रोडक्शन और जी टीवी ने हाथ मिलाए हैं और राजश्री द्वारा निर्मित धारावाहिक ‘यहाँ मैं घर घर खेली...’ का प्रसारण जी टीवी पर 17 नवंबर से शुरू होने जा रहा है।

महत्वाकांक्षी शो : सूरज बड़जात्या
अपने इस नए धारावाहिक के बारे में सूरज बड़जात्या कहते हैं ‘कुछ काम ऐसे होते हैं जिनसे आत्मा जुड़ जाती है और ‘यहाँ मैं घर घर खेली...’ एक ऐसा ही धारावाहिक है। यह हमारा महत्वाकांक्षी शो है और इसको भव्य बनाने में हमने कोई कसर नहीं छोड़ी है। यह धारावाहिक राजश्री की परंपरा को आगे बढ़ाएगा और हमें उम्मीद है कि इसे हर वर्ग के दर्शकों का प्यार मिलेगा। इसमें हमने पुराने और नए विचारों का संगम दिखाने की कोशिश की है। बचपन में मैंने ‘हाथी मेरे साथी’ फिल्म देखी थी। उसमें फिल्म के नायक राजेश खन्ना का जो रिश्ता हाथी के साथ था, वैसा हमारे धारावाहिक की नायिका स्वर्णआभा का स्वर्ण भवन से है। उसका जन्म इसी हवेली में हुआ। यही पर वह पली-बढ़ी। इस हवेली के हर कोने से उसे लगाव है और कुछ यादें जुड़ी हुई हैं।'

स्वर्ण भवन
मुंबई स्थित फिल्मसिटी में इस धारावाहिक की शूटिंग आरंभ हो गई है। स्वर्ण भवन नामक एक भव्य हवेली का सेट तैयार किया गया है। नाम के अनुरूप पूरी हवेली सुनहरे रंग की है, जो दो महीने की लगातार मेहनत के बाद तैयार हुई है। हवेली के लिए फर्नीचर जोधपुर से लाया गया है और वॉलपेपर यूके से मँगाए गए हैं।

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संगीत अलबम
किसी धारावाहिक का संगीत अलबम जारी किया जाए, ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है। ‘यहाँ मैं घर घर खेली...’ का संगीत विशेषता लिए हुए है, इसलिए इसका अलबम 10 नवंबर को एक कार्यक्रम में जारी किया गया। गीतकार इरशाद कामिल ने बताया ‘वो गीत अच्छे होते हैं जो कहानी का अंदाजा देते हैं। इस धारावाहिक के गीतों में किरदार ढूँढे जा सकते हैं। कहानी पता की जा सकती है। हम क्या कहना चाहते हैं हमने गानों के माध्यम से बताने की कोशिश की है।‘ यूनिवर्सल म्यूजिक की ओर से इसका अलबम जारी किया गया है।

क्या है कहानी?
उज्जैन में ठाकुर परिवार की ‘स्वर्ण भवन’ नामक शानदार हवेली है, जो 100 वर्ष पुरानी है। घर का मुखिया ठाकुर उदय प्रतापसिंह (आलोकनाथ) एक स्वाभिमानी आदमी है, जो शाही जिंदगी जीने में यकीन करता है। अपने सिद्धांतों से समझौता करना उसे पसंद नहीं है। अपनी बेटी स्वर्णआभा (सुहासी धामी) का लालन-पालन वह बहुत ही शानदार तरीके से करता है। स्वर्णआभा अपने पिता को बेहद चाहती है और उनके स्वाभिमान को कभी आहत नहीं होने देती। दुर्भाग्यवश इस परिवार पर अचानक संकट आ जाता है और उनका सारा वैभव खत्म हो जाता है। आर्थिक तंगी में भी शाही जिंदगी और परंपराओं को निभाने की कोशिश की जाती है। देखना ये है कि क्या स्वर्णआभा अपने पिता के ‍गौरव को बचाए रखते हुए इन नई परिस्थितियों का सामना कर पाएगी?

‘यहाँ मैं घर-घर खेली’ में आलोकनाथ, स्मिता जयकर और सुहासी धामी ने प्रमुख भूमिका निभाई है। 17 नवंबर से प्रत्येक सोमवार से शुक्रवार रात 8.30 बजे जी टीवी पर इस धारावाहिक को देखा जा सकता है।

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