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'रामायण' रिटर्न्स

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- जनकसिंह झाला

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20 साल पहले रविवार के दिन सभी शहरों और गाँवों में लोग अपना सारा काम छोड़कर इडियट बॉक्स (टीवी) के सामने बैठ जाते थे, क्योंकि उनका पसंदीदा धारावाहिक 'रामायण' प्रसारित होता था। रामानंद सागर के इस पौराणिक धारावाहिक ने उस समय सफलता के तमाम परचम लहराए थे और लोगों के दिलों पर राज किया था।

रामायण की वही कथा अब एक नये अद्वितीय स्वरूप में फिर से आ रही है और उसको इस बार स्व. रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर लेकर आ रहे हैं। छोटे परदे पर सास, बहू और रियलिटी शो की चमक फीकी पडने के बाद सागर परिवार ने फिर से राम की शरण में जाना मुनासिफ समझा। खासकर युवाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया यह धारावाहिक 21 जनवरी से सप्ताह में चार बार एनडीटीवी इमेजिन पर दिखाया जाएगा।

पुरानी रामायण
भारतीय टेलीविजन के इतिहास में रामायण प्रथम धार्मिक धारावाहिक था। 25 जनवरी 1987 से लेकर 31 जुलाई 1988 तक यह धारावाहिक दूरदर्शन पर अकेला राज करता रहा। इसके लेखक, निर्माता और निर्देशक रहे रामानंद सागर ने भी नहीं सोचा था कि उनका यह धारावाहिक देश-विदेश में सफलता के उस शिखर पर पहुँच जाएगा जहाँ तक पहुँचना अन्य धारावाहिकों के लिए नामुमकिन-सा है।

अरुण गोविल (राम), दीपिका चिखलिया (सीता), दारा सिंग (हनुमान), अरविंद त्रिवेदी (रावण) यह वही नाम हैं जिनको इस धारावाहिक ने लोगों के घर और दिलों तक पहुँचा दिया।

जून 2003 में लिम्का वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में इस धारावाहिक को 'दुनिया में सबसे ज्यादा देखे गए पौराणिक सीरियल' में स्थान मिला। प्राप्त आँकड़ों के अनुसार दस करोड़ से भी ज्यादा लोग इस धारावाहिक के दर्शक थे। 'रामायण' से ही प्रेरणा लेकर उस समय महाभारत, विश्वामित्र, बुद्ध, चाणक्य, सागर आर्ट्‍स की 'लव कुश' और श्याम बेनेगल की 'भारत एक खोज' जैसी पौराणिक धारावाहिकों का निर्माण शुरू हु

नई रामायण क्यों?
स्व. रामानंद सागर के पुत्र और सागर एंटरटेनमेंट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक प्रेम सागर कहते हैं कि पुरानी रामायण में तकनीकी सीमाएँ और बजट कम होने के कारण हमने मुख्य कथा से जुड़ी संबधित कथाएँ हटा दी थीं। उस समय हमारे पास टेक्नोलॉजी नहीं थी और उसके पीछे खर्च करने के लिए पैसे भी नहीं थे। नई रामायण के माध्यम से हम पीछे रह चुकी कथाओं को लोगों के सामने लाएँगे। इन कथाओं में सीता का बचपन भी दिखाया जाएगा जिसे पहले कभी दिखाया नही गया।

कलाकारों के लिए चुनौती
21 जनवरी से शुरू होने वाली रामायण में आपको राम के रूप में गुरमीत चौधरी और सीता के रूप में देविना देखने को मिलेंगी। गुरमीत एक नया चेहरा है जिनके लिए यह परीक्षा की घड़ी है। अरुण गोविल ने पुरानी रामायण में अपनी ऐसी छाप छोड़ी थी कि लोग उनके रूप में राम को देखते थे। साथ ही लोग दीपिका के रुप में सीता मैया को देखते थे।

दिलचस्प बातें
* एनडीटीवी इमेजीन और सागर आर्ट्‍स के संयुक्त प्रयास के इस धारावाहिक का निर्माण किया गया है।
* नई 'रामायण' की संपूर्ण शूटिंग बड़ौदा की सागर फिल्म सिटी में की गई है।
* इस धारावाहिक में 400 से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं।
* अब तक इस धारावाहिक के पीछे 6 करोड से भी ज्यादा खर्च हो गए हैं।
* एक्स्ट्रा विजुअल इफेक्ट, सराउन्ड साउन्ड, क्लियर पिक्चर इस धारावाहिक के उम्दा पहलु रहेंगे।
* राम के पात्र में गुरमीत चौधरी और सीता के पात्र में देविना बेनर्जी दिखने को मिलेंगी।
* लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के पात्रों में भी परिवर्तन किया गया है। अंकित अरोरा, वीजे भाटिया और ललित नेगी यह भूमिका निभाएँगे।
* सीरियल का मुख्य आकर्षण इसके सेट्स हैं जिसके पीछे ढेर सारे रुपए खर्च किए गए हैं। कैकेयी का शयनकक्ष इसमें आकर्षण का मुख्य केन्द्र है।
* सभी सेट्स प्रसिद्ध सेट डिजाइनर ओमंग कुमार ने बनाए हैं जिन्होंने फिल्म ‘साँवरिया’ में भी सेट निर्माण किया था।
* सीरियल के संगीतकार रवीन्द्र जैन हैं जिन्होंने पुरानी रामायण में भी अपना संगीत दिया था।
* सीरियल का प्ले बैक सुरेश वाडेकर और कविता कृष्णमूर्ति ने दिया है।

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