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रियलिटी शोज : एक और रियलिटी

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हमें फॉलो करें पूनम यादव

अनहद

रियलिटी शो में किस तरह प्रतियोगियों का बहुआयामी शोषण हो सकता है, उसकी मिसाल है बिहार की लड़की पूनम यादव। पूनम यादव ने रियलिटी शो के ज़रिए खोया ज्यादा है, पाया कम है। सबसे पहले खोया उन्होंने अपना आत्मसम्मान। ज़ी टीवी ने पूनम यादव की गरीबी को भुनाया। रियलिटी शो में पूनम और उनकी विधवा माँ की दास्तान उन्हीं की ज़ुबानी सुनाई और दिखाई गई। माँ-बेटी दोनों कहती थीं कि हमारे पास खाने को आटा तक नहीं होता था।

पूनम बताती थीं कि किस तरह उन्होंने तीन सौ रुपए महीने में पीसीओ पर काम किया। पूनम और उसकी माँ की गरीबी दिखाने के पीछे मकसद था पूनम के पक्ष में एसएमएस डलवाना। यह एक तरह से दूसरे के नाम पर कुछ माँग कर उसमें से अधिकांश खुद रख लेना। भीख में भी कमीशनबाजी। अनाथालयों, विधवा तथा अन्य आश्रमों व गौशाला आदि के नाम पर ऐसा होता था। कहीं-कहीं अभी भी यह चल रहा है। टीवी पर इसके शिकार गरीब गाने वाले हैं।

पूनम यादव का यह शोषण पहले रियलिटी शो वालों ने किया। फिर उनके नाम पर रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव को कार्यक्रम में बुलाया गया। बिहार में अपनी इमेज मज़बूत करने के लिए लालू यादव कार्यक्रम में गए और पूनम की गरीबी पर रहम खाते हुए उन्होंने रेलवे में नौकरी देने की घोषणा कर दी। दोनों ही मामलों में पूनम के आत्मसम्मान को ध्वस्त किया गया। वोट इसलिए मत दीजिए कि पूनम अच्छा गाती है, बल्कि इसलिए दीजिए कि पूनम गरीब है। नौकरी इसलिए नहीं दी गई कि पूनम रेलवे में काम करने के योग्य थी, बल्कि इसलिए दी गई क्योंकि पूनम गरीब थी। शहरों में टाइमपास के लिए गरीबों की सेवा करने वाले पेट भरे लोग गरीबों की मदद भी उन्हें ज़लील करके करते हैं।

किसी को सिलाई मशीन देते हुए फोटो खिंचाते हैं, फिर वो फोटो अखबार में छपाते हैं। देने वाला तो बड़ा हो जाता है, पर लेने वाला शर्म के मारे ज़मीन में गड़ जाता है। कल्पना कीजिए कि आपका बच्चा सरकारी स्कूल में है और दानदाता से स्कूल के लिए टाटपट्टी ले रहा है... आपके परिवार की किसी महिला का फोटो सिलाई मशीन या साड़ी-कंबल लेते छपा है।

पूनम यादव के बारे में अब जो खबर आई है, वो और भी दुखद है। खबर है कि पूनम ने आत्महत्या की कोशिश की। एक अखबार ने उसकी सहेली के हवाले से छापा है कि पूनम ने कुछ दिनों पहले अबॉर्शन कराया था। उसी सहेली के हवाले से यह भी छपा है कि पूनम की गहरी निकटता एक संगीतकार से थी। क्या यह भी शोषण की एक और पर्त नहीं है? पहले आवाज़, फिर हालात, फिर जिस्म...। बुरी बात यह है कि उक्त संगीतकार पूनम यादव को बेटी कहते थे और पूनम उनकी बेटी की उम्र की है भी। उन्होंने पूनम से कई वादे भी किए थे। यह और बात है कि उनके पास ही बहुत काम नहीं है। तो रियलिटी शो के प्रतियोगी की ये हालत भी हो सकती है।

एक रियलिटी शो के विजेता की मौत विदेश में हुई जब वो होटल के स्वीमिंग पूल में उतरा और तैरना न जानने के कारण डूब गया। विदेश भी वह शो के चलते ही गया था। रियलिटी शो की सबसे बड़ी बुराई यह है कि ये प्रतियोगियों की आँखों में वो सपने भर देते हैं, जिनका पूरा होना नामुमकिन होता है। जिनमें उलझकर कोई भी युवा अपनी राह से भटक सकता है। फिल्म "दिल्ली सिक्स" की नायिका इंडियन आइडल में भाग लेने की खातिर घर से भागती है। एक स्थानीय आदमी उसे विजेता बनवाने का झाँसा देता है। पूनम यादव को रेलवे में नौकरी मिल चुकी है। अकेली लड़की और उसकी माँ के गुज़ारे के लिए एक सरकारी नौकरी कम नहीं होती। पर पूनम की आँखों में जो सपने भरे गए थे, उन सपनों के आगे रेलवे की नौकरी बहुत छोटी है। रियलिटी शो की हकीकत लोगों के सामने आना ज़रूरी है ताकि युवाओं को शोषण और भटकाव से बचाया जा सके।

(नईदुनिया)


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