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सपने सुहाने लड़कपन के

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क्‍या आपको याद है, जब हम बचपन में किस तरह निडर, उलझे हुए, आनंदित, उत्‍सुक परेशान महसूस करते थे। क्‍या हम वो बिना सोचा-समझा, उलझा हुआ समय भूल सकते हैं, ज‍ब हमने सोचा कि हम किसी के प्‍यार में हैं और दुनिया को जीतना हमें हमारी पहुंच में लगता था। उस दौर में फिर से ले जाने और उन सुनहरे दिनों की याद ताजा करने के लिए ऐसी ही दो लड़कियों की कहानी पेश की जा रही है, जो एक-दूसरे से बिलकुल अलग है। इसी कड़ी में जी टीवी पर 21 मई से शुरू हो हुआ 'सपने सुहाने लड़कपन के'।

इस धारावाहिक में 16 साल की दो लड़कियां गुंजन और रचना की कहानी है। गुंजन एक सुंदर और सौम्‍य लड़की है जिसका अपनी मां स्‍नेहा से अलग ही रिश्‍ता है। मां के निधन के बाद गुंजन का जीवन बिखर जाता है और उसके पिता उसे वाराणसी में उसकी मौसी के यहां भेज देते हैं। ताकि वहां पर गुंजन की अच्‍छे से देखभाल हो सके। गुंजन वाराणसी में अपनी मौसी (वैष्‍णवी मैकडोनाल्‍ड) के पास रहने चली जाती है। यहीं से शुरू होती गुंजन और रचना की कहानी।

गुंजन एकल परिवार में बहुत लाड़ प्‍यार से पली है और वह खुद मन की मालिक है, वहीं रचना संयुक्‍त परिवार में शांत व्‍यवहार व शर्मीली लड़की है और अपनी मां शैल पर पूरी तरह निर्भर है। मां के निधन के बाद गुंजन की जिंदगी में एक अलग ही तरह का मोड़ आता है। उसे वाराणसी में संयुक्‍त परिवार में तालमेल बनाने में बहुत परेशानी आती है। गुंजन को सबसे ज्‍यादा परेशानी अपनी कजिन रचना के साथ तालमेल बिठाने में आती है, लेकिन बाद में दोनों के संबंध प्रगाढ़ होने लगते हैं।

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रचना एक सीधी-सादी लड़की है जिसका सारा जीवन छोटे से शहर वाराणसी में ही बीता। उसे देखकर लगता है जैसे समय के बदलने का उस पर कोई असर ही नहीं हुआ। उसका पालन-पोषण एकदम पारंपरिक परिवेश में हुआ। रचना के पिता ने उसके लिए सख्‍त नियम बना रखे हैं। जिसके चलते वह जीवन के बारे में और कुछ सोच ही नहीं सकती। रचना अपनी मां की बहुत प्‍यारी व लाड़ की लड़की है।

मां की भूमिका में शैल एक सौम्‍य और गरिमामयी महिला है। वह चुप रहकर ही काफी कुछ कहने में सक्षम है। दोनों बेटियों के जिम्‍मेदारी संभाले शैल भावनाओं पर नियंत्रण रखती है और उसे जगजाहिर नहीं होने देती। शैल पति के साथ बहुत ही सख्‍ती से पेश आती है। वह अपनी बेटियों को खूब लाड़ प्‍यार से रखती है। गुंजन और रचना के लिए शैल अपने आप को किसी भी परिस्थिति में ढाल लेती है। बेटियों के पालन-पोषण में कोई कमी न रहे इसके लिए वह हमेशा उनका समर्थन करती है।

जीटीवी के हेड सुकेश मोटवानी कहते हैं कि सपने सुहाने लड़कपन के किशोरावस्‍था का उत्‍सव मनाने जैसा है। यह टीनएज के दिन किसी व्‍यक्ति के युवावस्‍था की वास्‍तवित शुरुआत है। उनका मानना है कि इस अवधि में जीवन में होने वाली घटनाएं व्‍यक्तित्‍व को प्रभावित करते हुए स्‍थायी छाप छोड़ती है। यह शो आशा, आकांक्षाओं, चाहत, इच्‍छाओं और लालसाओं से भरा है। उन्‍होंने कहा कि इस प्‍यारे शो के साथ दर्शकों के जीवन को समृद्ध करने का हमारा विचार था, जो उन्‍हें उस लापरवाह सुनहरे दिनों की याद दिलाएगा।

निर्माता नीलिमा वाजपेयी ने कहा कि हमने यह शो को युवा और आकर्षक बनाया है। हमने शो में गुंजन को युवा व ट्रेंडी लुक दिया है। वह बड़े शहर की लड़की है जो कि कपडे़, एक्‍सेसरीज के लेटेस्‍ट ट्रेंडस को अच्‍छी तरह जानती है। वहीं रचना वाराणसी की रुढिवादी परिवार से है। उसके पिता उससे बहुत ही सख्‍ती से पेश आते हैं। रचना बहुत ही साधारण सी लड़की है।

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गुंजन का किरदार निभा रही रुपल त्‍यागी का कहना है कि सपने सुहाने लड़कपन के की शूटिंग के हर पल को प्‍यार करती हूं। गुंजर का चरित्र एकदम मेरे जैसा ही है। उन्‍होंने कहा कि गुंजन की ही तरह मैं भी मुंबइयां लड़की हूं। मैं भी जीवन अपनी शर्तों पर ही जीती हूं। मैं बहुत खुशकिस्‍मत हूं कि जी टीवी ने मुख्‍य नायक के रूप में मेरा चयन किया।

रचना की भूमिका निभा रही महिमा मकवाना ने कहा कि हालांकि मैंने पहले भी कई शो किए हैं। लेकिन यह शो मेरे लिए लॉन्‍च पेड साबित होगा। जीटीवी से जुड़ना मेरे लिए सम्‍मान की बात है, क्‍योंकि जीटीवी के शो देखना मुझे अच्‍छा लगता है।

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