ind-pak crisis

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

शिवाजी बनकर बेहद खुश हैं पारस

Advertiesment
हमें फॉलो करें पारस
कई बड़े-बड़े कलाकार इतिहास से जुड़े किरदार निभाने के लिए सालों इंतजार करते हैं जबकि मुझे 16 साल की उम्र में ही एक ऐसा किरदार निभाना है, जो इतिहास में अमर है। यह कहना है पारस अरोड़ा का जिन्होंने कलर्स चैनल के शो "वीर शिवाजी" में किशोर वय के शिवाजी का किरदार निभाया है।

यह ऐतिहासिक धारावाहिक क्रांतिकारी योद्धा शिवाजी की 300 साल पुरानी कहानी दिखाता है। इस शो में उन तथ्यों का खासतौर पर ध्यान रखा गया है, जो शिवाजी के जीवनकाल के कम जाने, जाने वाले तथ्य और उपलब्धियाँ हैं।

पारस ने मराठों के निडर नायक शिवाजी की भूमिका को पूरी तन्मयता से निभाया है। उनका कहना है कि करियर की शुरुआत में ही छत्रपति शिवाजी जैसे एक महत्वपूर्ण चरित्र को निभाना मेरे लिए बड़ी उपलब्धि है।

मैंने अपने स्कूल के दिनों में एक योद्धा के रूप में उनके जोश और बहादुरी के बारे में पढ़ा है। जब आप एक ऐसे चरित्र को निभाते हैं, जो तथ्यों को दर्ज कर चुका है तो दर्शकों के सामने इस चरित्र के साथ न्याय करना बड़ी चुनौती होता है। इस किरदार को निभाने के लिए मुझे उन चीजों को देखना था कि वे एक किशोर के रूप में किन वस्तुओं को पसंद करते थे और उन्हें उनके जैसा बनने के लिए किसने प्रेरित किया?

हमने अपने साथ एक इतिहासकार को भी रखा है जिन्होंने राजा की भूमिका निभाने के लिए वास्तविक विवरण और मामूली अंतर को भी बताया। मैंने मार्शल आर्ट का भी प्रशिक्षण लिया और चढ़ाई करने और घुड़सवारी सीखने पर मेहनत की है।

पारस का कहना है कि इस चरित्र की अन्य शो के साथ तुलना नहीं की जा सकती। शिवाजी हो या चन्द्रगुप्त मौर्य, वे अपने-अपने समय में समाज में बदलाव लाने में मददगार थे। इनकी एक-दूसरे से तुलना नहीं की जा सकती है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

रानी के भाई ला रहे हैं आँचल