एक बार राजा कृष्णदेव राय और तेनालीराम के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया। तेनालीराम रूठकर चले गए। आठ-दस दिन बीते, तो राजा का मन उदास हो गया। राजा ने तुरंत सेवकों को तेनालीराम को खोजने भेजा। आसपास का पूरा क्षेत्र छान लिया, पर तेनालीराम का कहीं अता-पता नहीं चला।
अचानक राजा को एक तरकीब सूझी। उसने सभी गांवों में मुनादी कराई कि राजा अपने राजकीय कुएं का विवाह रचा रहे हैं इसलिए गांव के सभी मुखिया अपने-अपने गांव के कुओं को लेकर राजधानी पहुंचे।
जो आदमी इस आज्ञा का पालन नहीं करेगा, उसे जुर्माने में एक हजार स्वर्ण मुद्राएं देनी होंगी। मुनादी सुनकर सभी परेशान हो गए। भला कुएं भी कहीं लाए-ले जाए जा सकते हैं।