विजयनगर के राजा कृष्णदेव राय को अनोखी चीजों को जमा करने का बहुत शौक था। हर दरबारी उन्हें खुश करने के लिए ऐसी ही चीजों की खोज में लगे रहते थे ताकि राजा को खुश कर उनसे मोटी रकम वसूल सकें।
एक बार कृष्णदेव राय के दरबार में एक दरबारी ने एक मोर को लाल रंग में रंग कर पेश किया और कहा, 'महाराज इस लाल मोर को मैंने बहुत मुश्किल से मध्यप्रदेश के घने जंगलों से आपके लिए पकड़ा है।' राजा ने बहुत गौर से मोर को देखा। उन्होंने लाल मोर कहीं नहीं देखा था।