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वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की कहानी

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अमेरिका के न्यूयार्क में 9/11 की सुबह वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए विमान हमले के प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक सुबह जब लोग अपने कार्यालयों को जा रहे थे तब दो विमान कुछ समय के अंतराल मे ट्रेड सेंटर की बहुमंजीली इमारत से टकराए जिससे जोरधार धमाके के साथ ही इमारत आग की लपटों में घिर गया।

घटना स्थल पर मौजूद मारजोरी आल्स्टर ने बताया- मैंने देखा इमारत ढह रही थी और नीचे सड़कों पर लोग दहशत में यह चीखते हुए इधर-उधर भाग रहे थे कि अब हम मर जाएँगे। पूरी सड़क काले धुँए के घने बादल से घिर गई थी। ऐसा लग रहा था मानो सब कुछ इसी में समा जाएगा।

फुल्टन नामक व्यक्ति ने बताया कि विमान को इतना नीचे उड़ते उसने पहले कभी नहीं देखा। उसने बताया कि वह एक बड़ा सफेद रंग का विमान था जिसमें दो जेट इंजन लगे थे। दूसरे प्रत्यक्ष गवाह मार्क वुड ने बताया कि टावर से टकराने वाला दूसरा विमान पश्चिम दिशा से आया था और सीधे उड़ता हुआ ट्रेड सेंटर के दूसरे टावर से जोरदार धमाके के साथ टकराया। यह एक बड़ा जेट विमान था। विमान जिस तरह टकराए उससे यह साफ लगा कि यह जानबूझ कर किया गया हमला था।

विश्व के सबसे बड़े व्यावसायिक केन्द्र के रूप में विख्यात अमेरिका की यह बहुप्रतिष्ठित इमारत वर्ल्ड ट्रेड सेंटर वर्ष 1973 में 75 करोड़ डालर की लागत से बनकर तैयार हुई थी। यह सात इमारतों का एक झुंड है जिसका डिजाइन प्रसिद्ध मिनोरू यामासाकी और एमरी रोथ वास्तुकारों ने तैयार किया था। (12 सितंबर 2001-नईदुनिया)

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