कभी पा के तुझको खोना, कभी खो के तुझको पानाये जनम-जनम का रिश्ता, तेरे मेरे दरमियां है,उन्हीं रास्तों ने जिन पर, कभी तुम थे साथ मेरेमुझे रोक-रोक पूछा, तेरा हमसफ़र कहाँ है।- बशीर बद्र