उस आफ़ताबे शहर को उर्दू ज़ुबान में
आदाब कह दिया तो मेरे घर में आ गया
अहमद कमाल परवाज़ी
आफ़ताबे शहर - शहर का सूरज
आदाब - अभिवादन का एक ढंग
अर्थ - अँगुली पकड़ाने पर कलाई पकड़ने वाली कहावत इस शेर में है। शेर मज़ेदार है और उसका संपूर्ण प्रभाव असरदार है। इसे मौके पर इस्तेमाल किया जा सकता है।