Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

दुश्मनी पर भारी होली

Advertiesment
हमें फॉलो करें दुश्मनी पर भारी होली
एमके सांघी

ND
ND
होली का फेस्टिवल दुश्मनी पर हमेशा भारी रहता आया है। जन-जन में अनेक किस्से बिखरे पड़े हैं जहाँ वर्षों पुरानी होली के पावन अवसर पर दोस्ती में बदल गई। होली के कलर्स में वह मौज है, वह मस्ती है कि इंसान दुश्मन पर भी अपने प्यार के रंग उंड़ेलने का लोभ संवरण नहीं कर पाता। इस संदर्भ में ये पंक्तियाँ यही बात कहती हैं।

चलो आज हम बरसों पुरानी
अपनी दुश्मनी भुला दें।
कई होलियाँ सूखी गुजर गई
इस होली पर आपस में रंग लगा लें

दुश्मनी की आखिरी पराकाष्ठा खून बहाने पर समाप्त होती है। और वहाँ से दुश्मनी का एक नया चक्र आरंभ हो जाता है। यह शोध का विषय हो सकता है कि क्या होली के कलर्स दुश्मनों की खून बहाने की प्यास बुझा देते हैं और उन्हें दोस्ती का हाथ बढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं।

हम तो यही कहेंगे कि
दुश्मन राह में मिले
तो बचकर निकलना
अपनी पिचकारी के रंग से
उसे सलाम जरूर करना।

दुश्मनी यदि एक तरफा हो तो यकीन मानिए उसे दोस्ती में बदलना बड़ा ही आसान होगा। बस आपको इन पंक्तियों में रचे बसे संदेश को दुश्मन तक पहुँचाना होगा।

तन के साथ मन को भी
भिगो दे रंगों की फुहार
ताकि गिर जाए हमारे बीच
उठी हुई नफरत की दीवार
कुछ तुम झुको, कुछ हम झुकें
दूर हो गलतफहमियों का अंधकार
होली ही तो है वह त्योहार जब
दुश्मन फिर से बन जाते हैं यार।

webdunia
ND
ND
वक्त का तकाजा है कि हम पूरी दुनिया को होली के रंगों के माध्यम से प्यार का संदेश दें। और आतंकवाद की गोली का जवाब होली से दें और आशा करें कि...

आतंक और दुर्भावनाएँ
होलिका की तरह भस्म हो जाएँ
प्यार और सद्‍भावना के रंग
दुनिया के सारे देश मिलकर उड़ाएँ

होली के रंग आज लगेंगे
और कल उतर जाएँगे
मेरी मोहब्बत के रंग मगर
जिंदगी भर साथ निभाएँगे।

रंगों से आपको एलर्जी है
चलिए आपको रंग नहीं लगाएँगे
मगर साथ तो जरूर बैठिएगा
रंगीन बातों से ही दिल बहलाएँगे।

चेहरे पर मेरे क्या खूब
तेरे प्यार का रंग चढ़ा है
चल छोड़ अब इस
होली में क्या रखा है।

रंग यस
भंग यस
रंग में भंग
बस बस।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi