हाल में ही कुछ एथलीट्स ने टोक्यो ओलंपिक के आयोजनकर्ताओं पर सवालियां निशान खड़े किए थे। खिलाड़ियों का ऐसा कहना था कि, आयोजकों ने जो एंटी सेक्स बेड बनाए हैं वो बेड किसी मजाक से कम नहीं है। खिलाड़ियों के अनुसार, कार्डबोर्ड से बने इन बेड पर भला कोई कैसे 1 लाख 60 हजार के कंडोम का इस्तेमाल कर सकता है।
दरअसल, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने टोक्यो ओलंपिक के लिए कार्डबोर्ड से बने बेड बनवाएं हैं, जिस पर कुछ एथलीट्स ने अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा था, यह बेड तो उनका खुद का वजन नहीं झेल पाएंगे। कई खिलाड़ी ऐसे कह रहे हैं कि जब ऐसे ही बेड देने थे तो 1 लाख 60 हजार कंडोम क्यों बांटे।
सच्चाई आई दुनिया के सामने
खैर अब 'एंटी सेक्स' बेड को लेकर आयोजकों ने एक पुष्टि की है। दरअसल, आयोजकों के अनुसार, यह बेड काफी मजबूत है और इनको लेकर जो बातें फैलाई गई थी वह सभी अफवाहें थी। आयरिश जिमनास्ट रिस मैकलेगन ने खुद नकली बेड की रिपोर्ट को खारिज किया।
मैकलेगन ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए अपने एक वीडियो में कहा, ''ये पलंग एंटी-सेक्स कहे जा रहे थे। यह कार्डबोर्ड से बनाए गए हैं। हां, ये खास तरह के मूवमेंट रोकने के लिए हैं। यह फेक न्यूज है।''
ओलंपिक के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट ने भी इस झूठी खबर से पर्दा हटाने के लिए मैकलेगन का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि, यह पलंग टिकाऊ और काफी मजबूत हैं।
कुछ दिनों पहले न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी खबर में भी यह दावा किया गया था कि पलंग जानबूझकर कमजोर बनाए गए हैं ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके। न्यूयॉर्क की पोस्ट के आधार पर अमेरिका के लंबी दूरी धावक पॉल केलिमो ने ट्वीट कर लिखा था, 'कार्डबोर्ड के पलंग इसलिए बनाए गए हैं ताकि ऐथलीट्स के बीच अंतरंग संबंध रोके जा सकें। पलंग सिर्फ एक व्यक्ति का भार झेल सकते हैं ताकि खेल से इतर गतिविधियों को टाला जा सके।'