नई दिल्ली:ओलंपिक घुड़सवारी में भारत की उम्मीदें फवाद मिर्जा पर टिकी है जिन्होंने पिछले एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने के बाद खेलों के इस महासमर के लिए क्वालीफाई करके 20 साल बाद भारत की नुमाइंदगी पक्की की।
फवाद ने इवेंटिंग स्पर्धा में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है जिसे घुड़सवारी ट्रायथलॉन के तौर पर जाना जाता है। इसमें प्रतियोगी को जंपिंग, ड्रेसेज और क्रॉस कंट्री में अश्वारोहण कौशल दिखाना होता है।
ओलंपिक इवेंटिंग में पैंसठ खिलाड़ी और घोड़ों का संयोजन भाग लेता है। इसमें टीम और व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा का आयोजन एक साथ ही होता है।
फवाद ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले तीसरे भारतीय घुड़सवार है। उन से पहले इंद्रजीत लांबा (1996, अटलांटा) और इम्तियाज अनीस (2000, सिडनी) भी ओलंपिक इवेंटिंग में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके है।
लांबा ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले भारतीय व्यक्तिगत घुड़सवार थे। वह हालांकि अपना प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे थे। इवेंटिंग के क्रॉस-कंट्री चरण के दौरान एक बाड़ के पार करते समय वह नीचे गिर गये थे और जिससे तीन दिनों तक चले इस खेल में उन्हें रैंकिंग नहीं दी गयी। वह ड्रेसेज चरण में 35वें स्थान पर रहे थे।
अनीस ने 2000 सिडनी ओलंपिक में इवेंटिंग के तीनों चरण को सफलतापूर्वक पार किया और दुनियाभर के दिग्गजों के बीच वह 23वें स्थान पर रहे थे। ओलंपिक में यह अब तक भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।