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उज्जैन का श्रावण महोत्सव

रिमझिम फुहारों के बीच संगीत का उत्सव

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श्रुति अग्रवाल

Shruti AgrawalWD
सावन के महीने में महाकाल की नगरी उज्जैन में श्रावण महोत्सव मनाया जा रहा है। यह महोत्सव 5 अगस्त को शुरू होगा और 9 अगस्त के दिन इसका समापन किया जाएगा। उत्सव की शुरुआत 5 अगस्त को शाम साढ़े सात बजे पंडित रोनू मजूमदार और पंडित दुर्गा प्रसाद बाँसुरी वादन से करेंगे। इसमें ध्रुपद शैली में संगत की जाएगी। महाकाल प्रबंधक समिति के अध्यक्ष शुभकरण शर्मा के अनुसार हर रविवार को खास आयोजन किए जाएँगे, जिसमें पंडित जसराज और पंडित बिरजू महाराज जैसे ख्यातिमान कलाकार भाग लेंगे

5 अगस्त-
अखिलेश गुंदेजा (पखावज), अनूप सिंह (ढोलक, हुंडका, बेंबू), हिमांशु महंत (तबला), मनोज सिंह (डफ), सरवर हुसैन (सारंगी), जमीर खान (हारमोनियम), पंडित रोनू मजूमदार (बांसुरी), पंडित दुर्गा प्रसाद (बांसुरी)।
शाम- 7.30 बजे
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12 अगस्त-
लीना गुप्ता (भरतनाट्यम), पंडित भजन सोपोरी और अभय रुस्तुम सोपोरी (संतूर वादन), पखावज संगत- पंडित डालचंद शर्मा तबला संगत- पंडित मिथलेश झा
शाम- 7.30 बजे
19 अगस्त-
संगीत मार्तण्ड पंडित जसराज (शास्त्रीय गायन)
शाम- 8 बज
26 अगस्त-
पंडित बिरजू महाराज (कथक), शाश्वती सेन (कथक)
शाम- 7.30 बजे
9 सितंबर-
रमा वैद्यनाथन (भरतनाट्यम), कविता द्विवेदी (ओडीसी), मालती श्याम (कथक), गौतम दबीर और साथी (आरोही बैंड)
शाम- 7.30 बजे
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इन आयोजनों के साथ-साथ महाकाल की विशेष पूजा-अर्चना और श्रृंगार किया जाएगा। साथ ही श्रावण मास के सभी सोमवारों को महाकाल की सवारी अर्थात नगर भ्रमण का आयोजन होता है।

राजा महाकाल की सवारी एक अनूठा लोकोत्सव है। इस समय उज्जयिनी के राजा महाकाल बड़े ठाठ-बाट से अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हैं। यह एक दिव्य महोत्सव होता है। इसके लिए सायं 4 से 7.30 बजे का वक्त निर्धारित किया गया है

ज्यादा जानकारी के लिए निम्न नंबरों पर संपर्क करें- प्रशासक श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति, उज्जैन दूरभाष (कार्यालय)- 0731- 2550563

कहाँ ठहरें- महाकाल मंदिर के पास मंदिर प्रबंध समिति की श्री महाकाल धर्मशाला है। इसके अलावा हरसिद्धि के पास समिति की एक औऱ धर्मशाला है। इन धर्मशालाओं में एसी, नॉन एसी और हॉल उपलब्ध हैं। इसके अलावा यदि आपका वन-डे प्लान है तो मंदिर के बाहर क्लाक रूम भी उपलब्ध हैं। यहाँ आप सुबह चार बजे से शाम बजे तक अपना सामान रख सकते हैं।

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