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ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों पर नहीं चलेगी 'घोड़ा-बग्घी'

बंद हुई नगर निगम की योजना

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नई दिल्ली आने वाले सैलानी अब शाही सवारी कही जाने वाली घोड़ा बग्घी की सवारी का मजा ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों पर नहीं ले सकेंगे। नगर निगम की यह योजना शुरू होने से पहले ही बंद हो गई है। निगम ने अपना यह प्रस्ताव वापस ले लिया है। गौरतलब है कि इससे पूर्व शाहजहानाबाद विकास बोर्ड ने भी गेम्स से पूर्व एयरकंडीशन बग्घी चलाने का प्रस्ताव तैयार किया था।

अब केवल शादी-विवाह, शोभा यात्रा व इसी तरह के दूसरे समारोहों में काम आने वाले घोड़ा-बग्घी को ही निगम की ओर से लाइसेंस जारी किए जाएंगे। माना जा रहा है कि नगर निगम के नेताओं ने ऐतिहासिक व पर्यटक स्थलों पर घोड़ा बग्घी चलाने के लाइसेंस का प्रस्ताव दिल्ली सरकार के संभावित हस्तक्षेप की वजह से वापस ले लिया है, क्योंकि इसके लिए किराए की दरें और मार्ग का चयन सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा किया जाना था।

निगम की स्थायी समिति ने यह फेरबदल उप-समिति की सिफारिश पर किया है। अब घोड़ा बग्घी के लाइसेंस तीन साल के बजाय एक साल के लिए दिए जाएंगे और हर साल इनका नवीनीकरण कराना जरूरी होगा। लाइसेंस शुल्क को भी पांच हजार से घटाकर एक हजार रुपए सालाना किया गया है।

नई नीति में शहरी क्षेत्र, सदर पहाड़गंज और करोलबाग में लाइसेंस न दिए जाने का प्रस्ताव था। पर अब सभी 12 जोन में घोड़ा-बग्घी के लाइसेंस दिए जाएंगे। अब यह शर्त लगा दी गई है कि नगर निगम से लाइसेंस प्राप्त होने के बाद कोई भी व्यक्ति अपने घोड़ा-बग्घी का उपयोग पर्यटकों को ऐतिहासिक स्थलों और पर्यटन केंद्रों पर घुमाने या सवारी ढोने के लिए नहीं कर सकेगा।

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