वर्षा ऋतु में पर्यटन नगरी मांडू का नैसर्गिक सौंदर्य खिल उठा है। मांडू की वादियों ने हरियाली की चुनर ओढ़ ली है। चारों ओर फैली घनी धुंध के बीच ऐतिहासिक इमारतों को निहार कर पर्यटक आनंदित हो रहे है। रानी रूपमति और बाज बहादुर की प्रेमनगरी में भी बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे है।
मध्यप्रदेश के इस प्रमुख पर्यटन स्थल के प्रति देशी-विदेशी पर्यटकों का आकर्षण लगातार बढ़ रहा है। पुरातत्व विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2009 में यहां 2 लाख 50 हजार 953 देशी एवं 2 हजार 74 विदेशी पर्यटक पहुंचे। वर्ष 2010 में यह आंकड़ा बढ़कर 2 लाख 79 हजार 226 हो गया। वहीं 2 हजार 400 विदेशी पर्यटक भ्रमण करने पहुंचे।
जून 2011 तक ऑफ सीजन में भी 99 हजार 934 देशी पर्यटक यहां आए। इस दौरान यहां 1100 विदेशी पर्यटक पहुंचे। जुलाई से दिसंबर तक यहां का पर्यटन सत्र माना जाता है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इस वर्ष भी पर्यटकों की संख्या पिछले वर्षों के सभी रिकॉर्ड तोड़ देगी। पुरातत्व विभाग द्वारा यहां 15 वर्ष की आयु के पर्यटकों को निःशुल्क प्रवेश दिया जाता है।