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सूरजकुंड मेले में होगा भरपूर मनोरंजन

अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में दिखेगी संस्कृति की झलक

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हमें फॉलो करें सूरजकुंड मेला
फरीदाबाद। हरियाणा के जिला फरीदाबाद में 28वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला-2014 में इस बार लोगों के मनोरंजन के लिए मेला परिसर के ‘चौपाल’ में रंगारंग कार्यक्रम में देश की संस्कृति की झलक देखने को मिली।

सूरजकुंड मेला प्राधिकरण की सदस्य प्रशासन और हरियाणा पर्यटन निगम की प्रबंध निदेशक सुमिता मिश्रा ने बताया कि एक फरवरी से तीन फरवरी तक महाराष्ट्र का ढोल और पालखी लोक गीत-संगीत प्रस्तुत किया गया। एक फरवरी से सात फरवरी तक जम्मू एवं कश्मीर का जाबरो, पंजाब का भांगडा और गिद्दा, राजस्थान का कालबेलिया, गुजरात का सिद्घी धमाल और रास गाबरा, उत्तरप्रदेश का मयूर, गुजरात का मेवासी, उत्तराखंड का छापेली कार्यक्रम प्रस्तुत हो रहे हैं।

मिश्रा ने बताया कि आठ फरवरी से 15 फरवरी तक असम का बीहू, बिहार का झिझिया, ओडिसा का गोती पु़आ, पश्चिम बंगाल का पुरूलिया छाऊ, आंध्रप्रदेश का लामबोडी, तमिलनाडु का कावेदी कदगम, अरुणाचल प्रदेश का ब्रो-जाई, मेघालय का का-शाद मस्ती, सिक्किम का सिंघी छाम और त्रिपुरा का सांगराई मोग नृत्य लोक कलाकारों द्वारा मेले में आने वाले लोगों के मनोरंजन के लिए प्रस्तुत हो रहे हैं।

इस 28वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला-2014 मेले में इस बार थीम राज्य गोवा है और भागीदार देश श्रीलंका शामिल है। सूरजकुंड मेला प्राधिकरण की सदस्य और हरियाणा पर्यटन निगम की प्रबंध निदेशक के अनुसार एक फरवरी को गोवा के नर्तकों द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। 2 फरवरी को गोवा के कलाकारों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत हुआ। वहीं, 3 फरवरी को ‘गोवा रिदम’ पेश किया गया और 4 फरवरी को दक्षेस देश श्रीलंका की संस्कृति से लोगों को रूबरू होंगे।

उन्होंने बताया कि 5 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे और 6 फरवरी को हास्य कलाकार सुरेन्द्र शर्मा और उनकी टीम हास्य कवि सम्मेलन में शिरकत करेगी। 7 फरवरी को मीता वशिष्ठ द्वारा नाटक का मंचन किया जाएगा और 8 फरवरी को मोहम्मद इरसाद द्वारा अपनी प्रस्तुति की जाएगी।

9 फरवरी को उस्ताद गजी खान द्वारा राजस्थानी लोक के बारे में और 10 फरवरी को दिल्ली के निजामी बंधुओं द्वारा कव्वाली से लोगों का प्रस्तुति होगी। मिश्रा ने बताया कि 11 फरवरी को भारत के लोक नर्तकों द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी और 12 फरवरी को हरियाणा सांस्कृतिक कार्य विभाग की प्रस्तुति ‘1857 की कहानी-हरियाणा की जुबानी’ लोगों को इतिहास में लेकर जाएगी।

13 फरवरी को ‘द पीपल ग्रुप’ द्वारा संगीत प्रस्तुत किया जाएगा और 14 फरवरी को हरियाणा सांस्कृतिक कार्य विभाग द्वारा पंजाबी सूफी गायक हंस राज हंस की विशेष प्रस्तुति आयोजित की जाएगी। (भाषा)

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