अगरतला। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गुरुवार को त्रिपुरा के लिए अपना चुनावी घोषणा-पत्र जारी किया। इसका नाम 'संकल्प पत्र 2023' रखा गया, जिसमें विशेष रूप से 'महिलाओं' और 'मूल निवासियों' के विकास और समर्थन को लक्षित करते हुए 24 वादे शामिल किए गए हैं।
भाजपा के वर्ष 2018 के चुनावी घोषणा-पत्र में भी 299 वादे शामिल थे, जिसमें सालाना 50,000 लोगों को नौकरी देना और कई अन्य बड़े वादे जो इस चुनाव के प्रचार के दौरान भी त्रिपुरा में पार्टी की परेशानी का सबब बने रहे। साथ ही, 5 साल में कई अच्छे काम करने के बावजूद भाजपा के खिलाफ यह वादे विपक्षी दलों के एक साधन के रूप में सामने आए हैं।
पार्टी ने इस बार 'बालिका समृद्धि योजना' के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के प्रत्येक परिवार को बालिका समृद्धि योजना के तहत 50,000 रुपए का बांड देने का वादा किया है।
पीएम उज्ज्वला योजना के सभी लाभार्थियों को मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर। इस बार भाजपा ने प्रस्तावित 125वें संविधान संशोधन विधेयक के ढांचे के भीतर टीटीएएडीसी को अधिक स्वायत्तता और अतिरिक्त विधायी, कार्यकारी, प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियां प्रदान करने का वादा किया है और त्रिपुरा जनजाति विकास योजना के तहत 5000 रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
पार्टी ने जनजातीय संस्कृति और अध्ययन के अनुसंधान, प्रचार और संरक्षण के लिए धलाई जिले के गंडाचेर्रा में महाराजा बीर बिक्रम माणिक्य जनजातीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का वादा किया था।
नड्डा ने वादा किया कि अगर बीजेपी फिर से सत्ता में आई तो हम संपार्श्विक-मुक्त ऋण प्रदान करने के लिए 500 करोड़ रुपए की राशि का निवेश करेंगे। अन्य राजनीतिक दलों के विपरीत जब भी भाजपा एक घोषणा-पत्र के साथ एक विजन डॉक्यूमेंट लेकर आती है, तो यह उसके लिए एक कागज का टुकड़ा नहीं है, बल्कि लोगों के प्रति, राष्ट्र के प्रति एक प्रतिबद्धता है।
क्या आपने कभी 70 साल में सुना है कि कोई नेता अपना रिपोर्ट कार्ड लेकर आता है? लेकिन जब कोई भाजपा नेता सामने आता है तो वह अपना रिपोर्ट कार्ड लेकर आता है और आगे का रोडमैप बताता है।”
उन्होंने दावा किया कि भाजपा विकास के लिए प्रयास करती है और जो करती है उसे पूरा करती है। क्या आपने देश के इतिहास में किसी नेता को रिपोर्ट कार्ड के साथ आते देखा है?
यह केवल भाजपा है, जिसके नेता अपनी प्रगति का रिपोर्ट कार्ड और अपने भविष्य के पाठ्यक्रम के लिए रोडमैप लेकर आते हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 त्रिपुरा के लिए 'निकास द्वार' और 'प्रवेश द्वार' दोनों साबित हुआ है। निकास द्वार से वामपंथी उग्रवाद, भ्रष्टाचार और अपराध राज्य से बाहर किया गया और प्रवेश द्वार से राज्य में शांति, समृद्धि, भाईचारा, विकास और त्रिपुरा के विकास का प्रवेश हुआ। अगले पांच साल त्रिपुरा में विकास को और मजबूत करेंगे। (वार्ता) Edited By : Sudhir Sharma