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राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, राज्यपालों का वेतन बढ़ा

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, गुरुवार, 1 फ़रवरी 2018 (19:53 IST)
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के अधिकारियों और देश के सर्वोच्च पदों पर बैठे लोगों के वेतन में विसंगतियों को सुधारते हुए आज पेश बजट में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की परिलब्धियों को बढ़ाकर क्रमश: 5 लाख और 4 लाख रुपए प्रतिमाह करने का प्रस्ताव किया गया है। राज्यपालों का वेतन साढ़े तीन लाख रुपए प्रति माह होगा।


वित्तमंत्री अरुण जेटली ने संसद में पेश 2018-19 के बजट भाषण में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपालों का वेतन बढ़ाने की घोषणा की। इससे पहले इनके वेतन में वृद्धि एक जनवरी 2006 को की गई थी। लोकसभा में सांसदों के मेज थपथपाने के बीच जेटली ने कहा, ‘राष्ट्रपति की परिलब्धियों को संशोधित कर 5 लाख, उप-राष्ट्रपति के लिए 4 लाख और राज्पालों के लिए साढ़े तीन लाख रुपए प्रतिमाह करने का प्रस्ताव किया जाता है।’

वर्तमान में राष्ट्रपति को डेढ़ लाख, उपराष्ट्रपति को सवा लाख और राज्यपालों को 1.10 लाख रुपए प्रतिमाह का वेतन दिया जाता है। अभी तक राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपालों को शीर्ष नौकरशाहों और सेवा प्रमुखों के मुकाबले कम वेतन मिल रहा था।

दो साल पहले सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से पैदा हुई इन विसंगतियों को दूर के करने के लिए कानून में आवश्यक संशोधन नहीं किए गए थे। उल्लेखनीय है कि सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद देश के सर्वोच्च सिविल सेवा अधिकारी कैबिनेट सचिव को ढाई लाख रुपए प्रतिमाह और मंत्रालय में सचिव को सवा दो लाख रुपए प्रतिमाह वेतन मिल रहा है।

यह सिफारिशें एक जनवरी 2016 से लागू हैं। देश के राष्ट्रपति थल, जल और वायुसेना के सु्प्रीम कमांडर भी होते हैं जबकि उनका वर्तमान वेतन तीनों सेना प्रमुखों से कम है। (भाषा)

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