संसद के बजट सत्र में नागरिकता कानून को लेकर सरकार और विपक्ष एक बार फिर टकराव की राह पर आगे बढ़ रहे है। सत्र के पहले दिन ही सोनिया गांधी की अगुवाई में कांग्रेस सांसदों ने संसद परिसर में गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन कर अपने इरादे साफ कर दिए है तो दूसरी ओर एनडीए की बैठक में पीएम मोदी ने सभी सहयोगियों को CAA के मुद्दे पर सदन के अंदर फ्रंटफुट पर रहने की सीख दी है।
बजट सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही के बाद NDA की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार ने सीएए पर कुछ भी गलत नहीं किया है, इसलिए इस मुद्दे पर रक्षात्मक होने की कोई जरूरत नहीं है बल्कि अक्रामक तरीके से अपना पक्ष रखे। बैठक में पीएम मोदी ने विपक्ष पर सीएए के मुद्दे पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष सीएए को मुस्लिम विरोधी होने का दुष्प्रचार कर रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि हमारे लिए अल्पसंख्यक भी उतने ही अपने हैं, जितने दूसरे नागरिक है।
इससे पहले शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अपने अभिभाषण में नागरिकता संशोधन कानून को ऐतिहासिक फैसला बताना इस बात का साफ संकेत हैं कि मोदी सरकार अब इस कानून पर किसी भी सूरत में पीछे हटने को तैयार नहीं है। पहले देश के गृहमंत्री अमित शाह का CAA को लेकर एक इंच भी पीछे नहीं हटने का एलान करना और अब खुद संसद सत्र के पहले दिन ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का NDA सहयोगियों के सामने CAA के बारे अपना रुख साफ करना इस बात का साफ संकेत है कि आने वाले दिनों में संसद में नागरिकता संशोधन कानून की गूंज सुनाई देगी।
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश भर में पिछले डेढ़ महीन से विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला लगातार जारी है, कांग्रेस शासित राज्यों के साथ केरल और पश्चिम बंगाल की सरकार ने अपनी विधानसभा में CAA के विरोध में कानून पास करना भी यह बताता है कि अभी नागरिकता कानून को लेकर सियासी जंग और देखने को मिलेगी।