नई दिल्ली। वाहनों की बिक्री में भारी कमी आने से परेशान भारतीय ऑटो उद्योग ने बीएस-6 मानक वाहनों के लिए जीएसटी को कम कर 18 फीसदी करने के साथ ही प्रोत्साहन आधारित स्क्रैपेज नीति बनाने की अपील है।
वाहन निर्माताओं के शीर्ष संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के अध्यक्ष राजन वढ़ेरा ने वित्त मंत्रालय से प्रोत्साहन आधारित स्क्रैपेज नीति बनाने की अपील की है। इसके साथ ही राज्य परिवहन निगमों द्वारा पारंपरिक इंजन वाली बसों की खरीद के लिए आवंटन बढ़ाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि बीएस-6 मानक को अपनाए जाने से मांग प्रभावित होने की आशंका है। इसके मद्देनजर इन वाहनों पर जीएसटी दर को 28 फीसदी से कम कर 18 फीसदी किया जाना चाहिए।
वाहनों के लिए कलपुर्जा बनाने वाली कंपनियों के शीर्ष संगठन ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एक्मा) के अध्यक्ष दीपक जैन ने सभी कलपुर्जों पर जीएसटी को 18 फीसदी करने और शोध एवं विकास तथा प्रौद्योगिकी विकास को गति देने के लिए सकारात्मक पहल करने की अपील है। कुल 850 से अधिक कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले इस संगठन के अध्यक्ष ने कहा कि बजट में ऐसे उपाय किए जाने चाहिए जिससे देश में ऑटोमोटिव उद्योग में इस वर्ष अगले चरण की वृद्धि को गति मिल सके।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए फिर से निवेश प्रोत्साहन योजना शुरू की जानी चाहिए, जिसमें संयंत्र और मशीनरी पर 25 करोड़ रुपए या इससे अधिक का निवेश किए जाने पर 15 फीसदी निवेश भत्ता मिलना चाहिए।
उन्होंने इसके साथ ही शोध एवं विकास, प्रौद्योगिकी विकास, एमएसएमई की नई परिभाषा बनाने की मांग करते हुए कहा कि अभी जो परिभाषा प्रस्तावित है, उसमें एमएसएमई को संयंत्र और मशीनरी में निवेश की बजाय वार्षिक कारोबार को आधार बनाया गया है।