नई दिल्ली। रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (GJEPC) ने आगामी आम बजट के लिए अपनी सिफारिशों में सरकार से सोने पर आयात शुल्क 7.5 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत करने का आग्रह किया है। इसके साथ ही परिषद ने इस क्षेत्र के लिए विशेष पैकेज देने की मांग भी की।
जीजेईपीसी ने अपनी बजट पूर्व सिफारिशों में कटे और पॉलिश किए गए हीरों और रत्नों पर आयात शुल्क 7.5 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत करने का सुझाव दिया है।
परिषद ने एक बयान में कहा कि अगर सोने को चार प्रतिशत शुल्क दर पर आयात किया जाता है... तो 500 करोड़ रुपए के बजाय 225 करोड़ रुपए की कार्यशील पूंजी ही अवरुद्ध होगी।
इसके अलावा परिषद ने मुंबई के विशेष अधिसूचित क्षेत्र में कच्चे हीरों की बिक्री के लिए कराधान प्रावधानों में संशोधन, अंतरराष्ट्रीय हीरा नीलामियों के लिए ऑनलाइन समानीकरण उपकर पर स्पष्टीकरण और सेज इकाइयों के लिए सनसेट क्लॉज का विस्तार जैसे सुझाव भी दिए।
जीजेईपीसी के अध्यक्ष कॉलिन शाह ने कहा कि भारत रत्न और आभूषण का पांचवां सबसे बड़ा निर्यातक है, जिसकी वैश्विक रत्न और आभूषण निर्यात में 5.8 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
उन्होंने कहा कि हम इस क्षेत्र के लिए (चालू वित्त वर्ष में) 41 अरब अमेरिकी डॉलर का लक्ष्य हासिल करेंगे। अब हमने भारत की आजादी के शताब्दी वर्ष में 100 अरब अमेरिकी डॉलर के निर्यात का लक्ष्य तय किया है। इस क्रम में हम सरकार से अपील करते हैं कि आगामी आम बजट में इस क्षेत्र के लिए एक विशेष पैकेज की घोषणा करें। (भाषा)