नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को संसद में 2023-24 के लिए आम बजट पेश करेंगी। बजट से उद्योग जगत, नौकरी पैशा वर्ग, महिलाएं, बच्चे सभी की अपनी-अपनी उम्मीदें हैं। पिछले कुछ बजटों पर नजर डाली जाए तो मोदी सरकार ने हर वर्ष MSME सेक्टर को उम्मीद से ज्यादा ही दिया है।
2022 के बजट में MSME को क्या मिला था : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022 के आम बजट में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) के लिए कई अहम ऐलान किए थे। उन्होंने बताया था कि इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत 130 लाख से अधिक एमएसएमई को लोन दिए गए हैं। ईसीएलजीएस के दायरे को 50 हजार करोड़ रुपए से बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपए तक कर दिया गया है। इससे 2 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त लोन मिल सकेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि उद्यम, ई-श्रम , एनसीएस और असीम पोर्टल्स को लिंक किया जाएगा। इससे एमएसएमई का दायरा बढ़ जाएगा। घरेलू उद्योगों की मजबूती पर भी सरकार का पूरा जोर है।
बिजनेस कोच श्रद्धा सुब्रमनयन को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से MSME सेक्टर को काफी अपेक्षाए हैं। वे अलॉटेशन के बजाए ट्रैकिंग पर ज्यादा जोर देते हुए कहती हैं कि बिजनेस को चलाने के वर्किंग कैपिटल की ज्यादा जरूरत होती है। पेमेंट्स और रिकवरी में अंतर बढ़ने से MSME सेक्टर को ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है। उनका कहना है कि जितना यह फास्ट होगा उतना ही फुल साइकल ऑफ प्रोडक्शन फास्ट होगा और निश्चित तौर पर इसका फायदा बिजनेस इंडस्ट्री को होगा।
उन्होंने कहा कि बिजनेस के लिए काफी ज्यादा लोन की आवश्यकता होती है। अगर लोन की अवेलेबिलिटी को उसके क्राइटेरिया को नजरअंदाज ना करते हुए एक अलग तरह से स्ट्रीमलाइन किया जाना चाहिए ताकि लोन आसानी से उपलब्ध हो सके। इससे छोटे कारोबारियों को काफी मदद मिलेगी।
श्रद्धा ने कहा कि अभी बिजनेस ऑपरेशन को बिजनेस खुद मैंटेन कर रहे हैं। इसको स्ट्रीमलाइन करने के लिए भी कोई टूल लाया जाना चाहिए। ताकि सरकार खुद भी इसे ट्रैक कर सके। जब सरकार लोन दे रही है तो यह जानना जरूरी है कि वो पैसा कहां खर्च हो रहा है। किस तरह खर्च हो रहा है इस पर भी नजर होनी चाहिए। बिजनेस ऑपरेशंस का स्टेंडराइजेशन एक वो पार्ट हो सकता है जो ओवरऑल बिजनेस के काफी बूस्ट देगा।
उनका कहना है कि सरकार ने स्किल डेवलपमेंट के लिए काफी काम किया है। काफी सपोर्ट अवेलेबल है। अगर इस सपोर्ट को भी ट्रैक किया जाना चाहिए। स्किल डेवलपमेंट को हम किस लेवल तक ट्रैक कर पा रहे हैं, नहीं कर पा रहे हैं, लोगों तक वह चीज पहुंच रही है या नहीं पहुंच रही है।
श्रद्धा ने कहा कि MSME में भी लार्ज कॉर्पोरेट्स के कुछ रूल अप्लाय होते हैं। हालांकि MSME का सेटअप बहुत छोटा होता है। वो वे अपने व्यापार को अलग तरह से ऑपरेट करते हैं। ज्यादातर केश फ्लो डिपेंडेंसी होती है। केश फ्लो कैसे मैंटेन किया जाए, उस पर फोकस किया जाना चाहिए।
CS आकृति सोमानी ने कहा कि MSME के लिए हर साल बजट अच्छा ही रहता है। स्टार्टअप के लिए भी बहुत कुछ रहता है। उम्मीद की जा रही है लास्ट ईयर के कंपेरिजन में इस बार कई नई चीजें आएंगी। टैक्स स्ट्रक्चर को लेकर कुछ नया आएगा। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स पर मोदीजी का विशेष जोर है। MSME सेक्टर को बजट में बहुत कुछ मिलेगा। उन्होंने कहा कि 2023-2024 को अपने यहां बूम वाला साल माना जा रहा है। ऐसे में उद्योग जगत को इस बजट से बड़ी उम्मीदें हैं।