बजट में दिखा मोदी सरकार पर जनता का दबाव, महिलाओं-बुजुर्गों की बल्ले-बल्ले, चुनावी साल में भी मिलेगा मुफ्त राशन
'अमृतकाल' के पहले बजट में आम आदमी को मिला 'अमृत'!
भोपाल। 2024 के आम चुनाव से पहले अमृतकाल के बजट में मोदी सरकार ने 9 साल में पहली बार आम आदमी के खूब दरियादली दिखाई है। चुनाव से पहले जनता के दबाव में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जहां मुफ्त अनाज योजना को एक साल के लिए आगे बढ़ाने का एलान किया वहीं आम आदमी के साथ-साथ टैक्स पेयर्स के लिए भी कई बड़े एलान किए।
'वेबदुनिया' ने मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल के आखिरी बजट को लेकर अर्थशास्त्री, बाजार विशेषज्ञ, आम आदमी और महिलाओं से बात की और यह जनाने की कोशिश की बजट ने उन पर क्या प्रभाव डाला।
'वेबदुनिया' से बातचीत अर्थशास्त्री आदित्य मनियां जैन कहते है कि बजट में सरकार पर जनता का दबाव देखा गया और चुनाव से पहले सरकार ने चुनावी बजट पेश किया है। बजट में आदमी आदमी को टैक्स मिली राहत और महिलाओं और बुजुर्गों के लिए कई तरह के बड़े एलान किए है। बजट में महिला सम्मान बचन पत्र करने के साथ बुजुर्गों के लिए बचत सीमा अब दोगुनी करते हुए 15 से बढ़ाकर 30 लाख कर दिया गया है।
'वेबदुनिया' से बातचीत में आदित्य मनियां जैन कहते हैं कि बजट में आशावाद की एक झलक दिखाई दी है और सरकार ने बजट के जरिए अगले 25 साल का एक विजन पेश करने की कोशिश की गई है। इसके साथ महंगाई को रोकने के लिए बजट में वित्त मंत्री ने काफी कोशिश की है और कोई नया टैक्सेशन नहीं किया है।
चुनाव से पहले बजट में सरकार ने आधी आबादी का खासा ध्यान रखा है। 'वेबदुनिया' से बातचीत में प्रोफेशनल नीतू तंवर कहती हैं कि बजट में सरकार में महिला सम्मान विकास पत्र को जारी करने का जो एलान किया है उससे बड़ी राहत मिली है। हलांकि नीतू तंवर कहती है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने रसोई गैस के दाम नहीं कम करके महिलाओं को काफी निराश किया है। वह कहती है कि उनको उम्मीद थी कि महंगाई को देखते हुए सरकार रसोई गैस कम करने जैसे कुछ एलान करेगी।
वहीं बजट को लेकर रमेश चौहान कि बजट में सरकार ने युवाओं के लिए कुछ खास नहीं किया। सरकार को एजुकेशन सेक्टर के लिए बजट में कुछ करना चाहिए। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयार करने वाले युवाओ के लिए सरकार को बजट में कुछ राहत देनी चाहिए जो नहीं करनी चाहिए।
मोदी सरकार के बजट का व्यापारी वर्ग ने स्वागत किया है। भोपाल किराना व्यापारी महासंघ के महसचिव अनुपम अग्रवाल कहते है कि केंद्र सरकार का बजट काफी संतुलित रहा और बजट में किसी भी वर्ग पर ज्यादा कोई भी भार नही डाला गया। इसके साथ बजट में वित्तमंत्री ने आयकर में छूट देकर सभी को खुश करने का कोशिश की है, एक तरह से कहा जा सकता है कि बजट लोक लुभावन बजट रहा।