Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट की 8 बड़ी बातें
Finance Minister Nirmala Sitharaman Budget: लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत की आर्थिक वृद्धि एक चमकता सितारा बनी हुई है और आने वाले वर्षों में भी ऐसी ही रहेगी। हालांकि विपक्षी दलों ने कहा है कि बजट में आम आदमी के लिए कुछ भी नहीं है। न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 से बढ़ाकर 75 हजार किया गया है। ओल्ड वालों को कोई राहत नहीं दी गई है। इससे यह भी जाहिर है कि सरकार चाहती है कि सभी लोग न्यूज टैक्स रिजीम को ही अपनाएं। आइए जानते हैं केन्द्र सरकार के बजट की 10 बड़ी बातें....
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रोजगार : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा है कि सरकार रोजगार से जुड़ी तीन योजनाएं शुरू करेगी। वित्त ये योजनाएं कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में नामांकन पर आधारित होंगी। पहली योजना के तहत सभी क्षेत्रों में कार्यबल में प्रवेश करने वालों को एक महीने का वेतन प्रदान किया जाएगा। दूसरी योजना में पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के रोजगार से जुड़े विनिर्माण क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहित करेगी। सरकार प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए ईएफपीओ अंशदान के रूप में नियोक्ताओं को दो वर्षों तक 3000 रुपए प्रतिमाह तक की राशि प्रतिपूर्ति करेगी। एक लाख रुपए तक मासिक वेतन के अंतर्गत सभी अतिरिक्त रोजगार को गिना जाएगा। मॉडल कौशल ऋण योजना को संशोधित कर 7.5 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
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शिक्षा : सरकार ने घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपए तक के ऋण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। इसके लिए हर साल एक लाख छात्रों को सीधे ई-वाउचर दिए जाएंगे, जिसमें ऋण राशि का तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान भी दिया जाएगा। कौशल विकास क्षेत्र के लिए वित्त मंत्री द्वारा घोषित उपायों में 1000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को हब और स्पोक मॉडल में उन्नत करना, पाठ्यक्रम सामग्री को उद्योगों की कौशल आवश्यकताओं के अनुरूप बनाना तथा मॉडल कौशल ऋण योजना में संशोधन करना शामिल है। इससे उच्च शिक्षा के साथ रोजगार की तलाश करने वालों विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा। शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो कि पिछले बजट की तुलना में 32 प्रतिशत ज्यादा है।
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कृषि : बजट में कृषि तथा इससे संबद्ध क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। खरीफ फसलों के लिए देश के 400 जिलों में डिजिटल क्रॉप सर्वे किया जाएगा, जिसमें 6 करोड़ किसानों की खेती और उनकी जानकारी किसान और खेती रजिस्ट्रेशन में शामिल की जाएगी। प्राकृतिक खेती को बढ़ाया जाएगा। खेती को बढ़ावा देने के लिए 10 हजार बायो इनपुट सेंटर बनाए जाएंगे। गांव में बायो रिसोर्स सेंटर के माध्यम से मदद उपलब्ध कराई जाएगी ताकि बड़े स्तर पर उत्पादकता का काम होने के साथ ही आपूर्ति चेन को मजबूत किया जाएगा। सरकार राज्यों के साथ मिलकर कृषि तथा अन्य क्षेत्रों में डिजिटल प्रक्रिया को अभियान के रूप में लिया जाएगा।
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महिला : सरकार ने महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को बढ़ावा देने के लिए बजट में महिलाओं और लड़कियों को लाभान्वित करने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक का आवंटन किया गया है। इस कदम से आर्थिक विकास में महिलाओं की भूमिका बढ़ेगी। सरकार ने कार्यबल में उनकी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए कामकाजी महिला छात्रावास स्थापित करने की भी घोषणा की है। सीतारमण ने यह भी कहा है कि महिलाओं के आवासीय संपत्तियों की खरीद पर शुल्क कम करने और इसे शहरी विकास योजनाओं का एक अनिवार्य घटक बनाने पर विचार करेगी।
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आयकर : मध्यम वर्ग को आयकर छूट को लेकर सरकार से काफी उम्मीद थी, लेकिन ऐसी कोई बड़ी राहत की घोषणा नहीं की गई। टैक्स के ओल्ड रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन न्यूज रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन टैक्स को 50 से बढ़ाकर 75 हजार करने की घोषणा की गई है। इससे करदाताओं को 17 हजार 500 रुपए की राहत मिलने की उम्मीद है।
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स्टार्टअप : सरकार ने भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने, उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने और नवाचार का समर्थन करने के लिए सभी वर्गों के निवेशकों के लिए तथाकथित एंजल टैक्स को समाप्त करने की घोषणश की है। इतना ही नहीं अनिश्चितता और विवादों को कम करने के लिए पुनः खोलने और पुनर्मूल्यांकन के लिए आयकर प्रावधानों को पूरी तरह सरल बनाने का भी प्रस्ताव रखा गया है। इससे स्टार्टअप को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए टीडीएस दर एक प्रतिशत से घटाकर 0.1 प्रतिशत करने की भी घोषणा की गई है।
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बिहार का ज्यादा ध्यान : बजट में इस बार बिहार का ज्यादा ध्यान रखा गया है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा तो नहीं मिला, लेकिन कई अन्य घोषणाएं कर सहयोगी जदयू को खुश करने का प्रयास किया है। बिहार में विभिन्न सड़क परियोजनाओं के लिए 26000 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है साथ ही बाढ़ से निपटने के लिए राज्य को 11500 करोड़ रुपए देने की घोषणा की गई है। राज्य में राजमार्गों के लिए 20000 करोड़ रुपए आवंटित किए जाएंगे। सरकार बिहार में हवाई अड्डे, मेडिकल कॉलेज और खेल संबंधी बुनियादी ढांचा भी स्थापित करेगी। अन्य सहयोगी पार्टी तेलुगूदेशम पार्टी का ध्यान रखते हुए सरकार ने आंध्र प्रदेश के लिए 15 हजार करोड़ रुपए की घोषणा की है।
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सामाजिक न्याय : बजट में सरकार ने सामाजिक न्याय की बात की है। इसके मुताबिक सामाजिक न्याय को समग्र रूप से हासिल करने के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सहित विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से सभी पात्र लोगों को इसके दायरे में लाने का दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। सरकार का कहना है कि सामाजिक न्याय एक ऐसी रणनीति को संदर्भित करता है, जहां सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र व्यक्ति विभिन्न कार्यक्रमों और पहलों के अंतर्गत आ जाएं। सीतारमण ने कहा- सरकार लोगों के, खासकर किसानों, युवाओं, महिलाओं और गरीबों के सर्वांगीण, सर्वव्यापी और सर्व समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
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