इटावा। जहां भारतीय जनता पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के अनुशासन की दुहाई पूरे उत्तर प्रदेश के चुनाव के दौरान देती नजर आती है और अन्य पार्टियों के कार्यकर्ताओं को अनुशासनहीन कहते हुए नहीं चूकते हैं तो वहीं आज प्रचंड बहुमत के साथ जैसे ही भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश की सत्ता पर कब्ज करने में कामयाब रही तो दिखने लगा कि कितने अनुशासित कार्यकर्ता हैं भारतीय जनता पार्टी के क्योंकि आज एक ऐसा वाक्य इटावा में देखने को मिला जिसको देख भारतीय जनता पार्टी के अनुशासित कार्यकर्ताओं की पोल खोल कर रख दी है। यहां कार्यकर्ता यह भी भूल गए कि अपने अनुशासन की मर्यादा तोड़ रहे हैं जब उत्तर प्रदेश की जनता ने अनुशासित पार्टी समझते हुए उन्हें उत्तर प्रदेश की सत्ता सौंपी है।
आइए हम आपको बताते हैं कि आज भारतीय जनता पार्टी के अनुशासित कार्यकर्ताओं ने क्या कर दिखाया। प्राप्त जानकारी के अनुसार इटावा में समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायमसिंह यादव के छोटे भाई और सपा प्रत्यशी शिवपालसिंह यादव जैसे ही जीत का प्रमाण-पत्र लेकर बाहर निकले, वैसे ही भाजपा के अनुशासित कार्यकर्ताओं ने सपा के वरिष्ठ नेता शिवपालसिंह की गाड़ी के सामने भाजपा के अनुशासित कार्यकर्ताओं ने जमकर मोदी जिंदाबाद के नारे लगाये व सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव की गाड़ी को चारों तरफ से घेर लिया।
उसके बाद प्रशासन के हाथ पांव फूल गए जैसे पुलिस ने भाजपा समर्थकों को रोकने की कोशिश तभी भाजपा लोग पुलिस से भी जा भिड़े। कुछ पल के लिए स्थिति ऐसी हो गई कि पुलिस और पीएसी के जवानों मौके पर पहुंच कर सपा नेता शिवपालसिंह की गाड़ी को सुरक्षित वहां से निकाल दिया।लेकिन सवाल यह उठता है कि अभी भी 24 घंटे नहीं हुए हैं और भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा भी नहीं की है और तो और गुंडाराज समाप्त करने की बात भारतीय जनता पार्टी पहले दिन से करती रही है।
अब आप बताइए कि क्या यही है भारतीय जनता पार्टी के अनुशासित कार्यकर्ता जिन्हें जरा-सा यह भी महसूस नहीं हुआ कि वे यह क्या कर रहे हैं और पार्टी की छवि को धूमिल करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं पर जो भी हो सत्ता का नशा चढ़ते ही लोग सारे अनुशासन की बातें भूल जाते हैं। अब यह देखना है कि आगे आने वाले समय में उत्तर प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी के आलाकमान कैसे अपने अनुशासित कार्यकर्ताओं को अनुशासन में रख पाते हैं।