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क्या भाजपा से बड़ा हो गया है 'ब्रांड-मोदी'?

हमें फॉलो करें क्या भाजपा से बड़ा हो गया है 'ब्रांड-मोदी'?
, शनिवार, 11 मार्च 2017 (18:15 IST)
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा को जो बंपर सफलता मिली है, उससे तो यही लगता है कि मोदी का मैजिक बरकरार है। यूपी में तो पार्टी की साख और भविष्य दांव पर लगा हुआ था, लेकिन मोदी ने एक बार फिर अपना करिश्मा दिखा दिया।
शनिवार की सुबह 10 बजे तक की गिनती में भाजपा उत्तर प्रदेश में करीब 260 पर आगे चल रही है। उत्तराखंड में भी भाजपा ने बहुमत हासिल किया है। इससे यह भी सिद्ध हो गया है कि मोदी नाम का ब्रांड और उनकी इमेज इतनी बड़ी हो गई है कि जहां तक चुनावों में सफलता की बात है तो भाजपा का सबसे बड़ा चेहरा और वक्ता मोदी ही हैं। पार्टी की दशा और दिशा तय करने में मोदी और उनके कुछेक करीबी ही निर्णायक होते हैं।
 
केंद में भाजपा के सत्तारूढ़ होने के बाद करीब तीन सालों में हुए अबतक के विधानसभा चुनावों में अधिकांश राज्‍यों की जीत ने पार्टी का न केवल आत्‍मविश्‍वास बढ़ाया है, बल्‍कि वह जनता का विश्‍वास जीतने में भी सफल हुई है। पार्टी के सबसे बड़े प्रचारक और देश के सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू अब भी बरकरार रहा है। पहले भाजपा के बारे में कहा जाता था कि यह मध्यम वर्गीय शहरी लोगों, बनियों और कारोबारियों की पार्टी है लेकिन अब पार्टी ने गरीबी और विकास का नारा दिया है।
 
2014 में लोकसभा चुनाव के बाद हुए चार राज्यों के चुनाव, महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में जीत हासिल हुई। वर्ष 2018 में मध्यप्रदेश, राजस्‍थान, नगालैंड, कर्नाटक, मेघालय, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा और मिजोरम में विधानसभा के चुनाव होने हैं। 2019 के पूर्वार्द्ध में लोकसभा के भी चुनाव होने हैं। इसके साथ ही पार्टी को अपनी पसंद का राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति बनवाना है और राज्यसभा में अपने लोगों को बैठाना है।
 
स्थिति यह है कि मप्र, राजस्‍थान और गुजरात जैसे तीन बड़े राज्यों में भाजपा की सरकार है। इन राज्यों में भाजपा का किला भेद पाना फिलहाल कांग्रेस या किसी दूसरी पार्टी के लिए आसान नहीं है। आगामी चुनावों में भी भाजपा जीत दर्ज करना चाहेगी और इसके लिए भाजपा का जीत का अभियान आम आदमी और उनकी भावनाओं को भुनाने में कामयाब रही है। 
 
पीएम मोदी का विधानसभा चुनावों को बहुत गंभीरता से लेना और उसे अपनी नाक का सवाल बनाकर पूरे दम ख़म से चुनाव प्रचार में उतरना भाजपा को जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभा रहा है। मोदी अपने सभी फैसलों को जनता और देश के हित में बताते हैं और उसके लिए हर मंच का उपयोग करते रहे हैं। वे जनता को अपने फैसलों के पक्ष में कर पाने में अबतक सफल रहे हैं। बीते साल नवम्बर महीने में नोटबंदी के फैसले को भी वे अपने पक्ष में कर सके। मोदी जनता की बदहाली के लिए चुनाव वाले राज्यों की वर्तमान सरकार व मुख्यमंत्री को और केंद्र में रही कांग्रेस की सरकार के 60 साल को टारगेट करते हैं।
 
जाहिर है उनके ये तर्क जनता के दिलों में उतर रहे हैं। हिंदुत्व का कार्ड भी मतों के भाजपा के पक्ष में ध्रुवीकरण करने में अपनी भूमिका भी निभा ही रहा है। कमजोर विपक्षी दलों ओर अपनी वाकपटुता का लाभ इन चुनावों से आगे 2019 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी और पार्टी ले पाएगी, यह तो भविष्य ही बता पाएगा लेकिन तब तक यह सिद्ध हो गया है कि मोदी ब्रांड पार्टी पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है।

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