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मायावती ने अमित शाह को कहा 'कसाब'

हमें फॉलो करें मायावती ने अमित शाह को कहा 'कसाब'
अंबेडकरनगर (उप्र) , गुरुवार, 23 फ़रवरी 2017 (20:30 IST)
अंबेडकरनगर (उप्र)। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के विवादास्पद बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शाह से बड़ा ‘कसाब’नहीं हो सकता। अमित शाह ने कल ही ‘कसाब’शब्द का इस्तेमाल अपने भाषण में करते हुए कहा था कि ‘क’ से कांग्रेस, ‘स’ से सपा और ‘ब’से बसपा। इसके जवाब में मायावती ने शाह की तुलना कसाब से कर दी।
मायावती ने आज ही बहराइच की चुनावी सभा में कहा, उत्तर प्रदेश में सपा के लगभग पांच साल और केन्द्र में भाजपा के पौने तीन वर्ष के कार्यकाल के दौरान दोनों ही सरकारों की गलत नीतियों और कार्यकलापों के कारण प्रदेश की 22 करोड़ जनता नाराज और आक्रोशित है। उन्होंने कहा कि भाजपा अपने किसी भी चेहरे को प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में पेश करने की अभी तक हिम्मत नहीं जुटा पाई है। सपा के मुख्यमंत्री पद का चेहरा अपनी सरकार में शुरू से ही कानून व्यवस्था व अपराध नियंत्रण के मामले में जबर्दस्त दागी चेहरा रहा है।
 
मायावती ने कहा कि जिस सपा को अराजक, आपराधिक, सांप्रदायिक, भ्रष्टाचारी और जंगलराज आदि का खास प्रतीक माना जाता है, उसके साथ कांग्रेस भी गठबंधन में चुनाव लड रही है।। ऐसी स्थिति में अब यहां प्रदेश की आम जनता को तय करना है कि क्या वह सपा कांग्रेस गठबंधन के दागी चेहरे को वोट देंगे या इसके स्थान पर इन सभी तत्वों का सफाया कर हर स्तर पर कानून का राज करने वाली बसपा के ‘बेदागी’ चेहरे को अपना वोट देंगे।
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उन्होंने कहा कि सपा सरकार में हत्या, अपहरण, महिलाओं पर अत्याचार और उत्पीडन, गुंडाराज, जमीन पर कब्जे, सांप्रदायिकता, दंगे, तनाव आदि की घटनाएं चरम पर हैं। इस सरकार के चलते प्रदेश में घोर असुरक्षा और आतंक का माहौल हावी है। विकास के कार्य भी आधे अधूरे किए जाते रहे हैं।
 
मायावती ने कहा कि सपा सरकार ने प्रदेश की जनता का सरकारी करोडों अरबों रूपए अकेले मीडिया में काफी बेदर्दी से खर्च कर दिया है जबकि इसी धन को गरीबों के हित व कल्याण के कार्यों पर भी खर्च किया जा सकता था। विकास और जनहित के जो भी थोड़े  कार्य हुए उनमें से अधिकांश बड़े-बडे कार्यों की शुरुआत बसपा सरकार में ही कर दी गई थी। नाम बदलकर चला रहे हैं हमारी योजनाएं। समाजवादी पेंशन योजना का पहले का मूल नाम महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना था। 
 
उन्होंने मुस्लिम वोटरों से अपील करते हुए कहा कि मुस्लिम समाज के लोग अपना वोट सपा उम्मीदवारों को देते हैं तो वह वोट पूरी तरह बेकार हो जाएगा और उसका सीधा फायदा भाजपा को ही पहुंच सकता है। बसपा का दलित वोट बेस पूरी तरह एकजुट और भाजपा को हराने के लिए तत्पर एवं सक्रिय है। मुस्लिम जुड़ गया तो भाजपा को इसका जबर्दस्त नुकसान पहुंचेगा।
 
मायावती ने कहा कि केवल अपने राजनीतिक स्वार्थ में तीन महीने पहले देश में कालाधन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की आड़ में बिना पूरी तैयारी के देश भर में अचानक पांच सौ और हजार रुपए के नोटों पर पाबंदी लगाने का ऐसा अति जन पीड़ादायक फैसला ले लिया, जिसकी मार से देश की जनता उबर नहीं पा रही है।
 
उन्होंने दावा किया कि भाजपा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे पर चलते हुए पूरा आरक्षण खत्म कर देगी या फिर इसे निष्प्रभावी बना देगी। भाजपा सरकार के चलते अल्पसंख्यक समाज विशेषकर मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ सौतेला रवैया अपनाया जा रहा है। (भाषा) 

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