वाराणसी। उत्तरप्रदेश के बनारस में अंतिम चरण में मतदान 8 मार्च को होना है जिसको लेकर सभी पार्टियां जोर-शोर के साथ तैयारियों में लगी हैं। ऐसे में बनारस प्रतिष्ठा का विषय भारत के प्रधानमंत्री के लिए बन चुका है, क्योंकि बनारस से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सांसद हैं और अंतिम चरण में मतदान भी यही होना है जिसको लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कोई भी कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। इसी के चलते इस समय बनारस की धरती पर एक नहीं, अनगिनत तादाद में लालबत्ती का जमावड़ा देखा जा सकता है।
इससे एक बात पर स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जितनी मशक्कत 6 चरणों तक नहीं करनी पड़ी है उससे कई गुना ज्यादा मशक्कत उन्हें अंतिम चरण में करनी पड़ रही है और कहीं न कहीं बनारस चिंता का विषय भी बना हुआ है जिसको लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 3 दिन का प्रवास करने आज पहुंच रहे हैं।
अगर नजर डालें तो जबसे नरेन्द्र मोदी बनारस से जीते हैं तब से लेकर आज तक इतना लंबा प्रवास उन्होंने कभी नहीं किया है और अंतिम चरण के मतदान को लेकर इतना लंबा प्रवास कहीं न कहीं यह स्पष्ट कर देता है कि बनारस को लेकर नरेन्द्र मोदी अधिक चिंतित हैं और ऐसा होना लाजमी भी है, क्योंकि बनारस में अगर कुछ अच्छा होता है तो उसकी जिम्मेदारी भी पार्टी की ओर से उन्हीं की होगी और अगर कुछ खराब होता है तो उसकी जिम्मेदारी भी पार्टी की ओर से उन्हीं की होगी।
अब यह तो आने वाला समय ही तय करेगा कि उनकी प्रतिष्ठा बच पाती है या नहीं? पर जो भी हो, नरेन्द्र मोदी ने अपने कैबिनेट की पूरी ताकत बनारस में झोंक रखी है और रही-सही कसर आज खुद वे वहां जाकर पूरी कर देंगे।