नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के तत्काल बाद किसानों के कर्ज माफ करने का वादा किए जाने पर कटाक्ष करते हुए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता नरेश अग्रवाल ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी पार्टी को सबसे पहले अपनी सरकार वाले राज्यों में किसानों के ऋण माफ करने चाहिए।
अग्रवाल ने यह भी कहा कि हार सुनिश्चित देखकर भाजपा और उसके नेता सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का सहारा ले रहे हैं, लेकिन इससे उनको कोई फायदा नहीं होने वाला है तथा भाजपा कह रही है कि सरकार में आने के तत्काल बाद वह किसानों के कर्ज माफ कर देगी। हमारा सवाल यह कि पहले वह अपनी सरकार वाले राज्यों में किसानों के कर्ज माफ क्यों नहीं करती? महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में किसानों के कर्ज कब माफ किए जाएंगे?
राज्यसभा सदस्य ने कहा कि भाजपा को पहले इन राज्यों में किसानों के कर्ज माफ करने चाहिए और फिर उत्तरप्रदेश के किसानों के कर्ज को माफ करने की बातें करनी चाहिए। वैसे उत्तरप्रदेश में लोग समझ रहे हैं कि किसानों की कर्जमाफी भी एक जुमला है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'श्मशान और कब्रिस्तान' वाले बयान पर अग्रवाल ने कहा कि भाजपा और उसके नेता चुनाव में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के जरिए फायदा उठाना चाहते हैं, क्योंकि उनको पता लग गया है कि जमीनी स्थिति खराब है और भाजपा बुरी तरह चुनाव हार रही है। बड़े नेताओं और खासकर प्रधानमंत्री को इस तरह के बयानों से बचना चाहिए।
सपा नेता नरेश अग्रवाल ने दावा किया कि अखिलेश यादव और राहुल गांधी के गठबंधन से मुकाबला नहीं कर पाने की वजह से भाजपा नेता विवादित बयान दे रहे हैं और उत्तरप्रदेश में भी बिहार चुनाव का नतीजा दोहराया जाएगा। भाजपा के पास विकास के मुद्दे पर अखिलेश यादव का कोई जवाब नहीं है।
उन्होंने कहा कि वे इस गठबंधन से घबरा गए हैं और विवादित बयान दे रहे हैं। आप देख लीजिएगा कि उत्तरप्रदेश में बिहार दोहाराया जाएगा। उत्तरप्रदेश की जनता विकास चाहती है और वह जानती है कि विकास के मुद्दे पर सिर्फ अखिलेश यादव आगे बढ़ रहे हैं। लोग विकास की सोच को ही समर्थन दे रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या उत्तरप्रदेश के अल्पसंख्यक मतदाताओं में असमंजस की स्थिति है? तो उन्होंने कहा कि इसमें अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक की बात नहीं है। सभी लोग अखिलेश यादव के साथ हैं। सब विकास चाहते हैं और किसी में असमंजस नहीं है। (भाषा)