Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कुंडा में हर तरफ राजा भैया का जलवा

हमें फॉलो करें कुंडा में हर तरफ राजा भैया का जलवा
कुंडा। , मंगलवार, 21 फ़रवरी 2017 (16:07 IST)
कुंडा। उत्तरप्रदेश में प्रतापगढ के कुंडा क्षेत्र में सूबे के वरिष्ठ मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का जलवा हर तरफ नजर आता है। राजा भैया इस सीट से लगातार पांच बार विधायक चुने जाने के बाद छठी बार राज्य विधानसभा में प्रवेश के लिए मैदान में हैं।
प्रतापगढ के भदरी रियासत के युवराज रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का क्षेत्र में काफी दबदबा है, इसीलिए उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याणसिंह ने उन्हें 'कुंडा का गुंडा' कहना शुरू कर दिया था। अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में श्री सिंह सभाओं में अक्सर राजा भैया के इसी नाम का जिक्र करते थे।
 
अखिलेश यादव सरकार में प्रभावशाली मंत्री माने जाने वाले राजा भैया का क्षेत्र में इस कदर प्रभाव है कि उनके समर्थक कह रहे हैं 'राजा भैया' का कौन मुकाबला कर सकता है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती के मुख्यमंत्रित्वकाल में महीनों जेल में रहे राजा भैया का बहुचर्चित तालाब पक्षी विहार घोषित कर दिया गया था। पुलिस ने उनके बेहती पैलेस से ए के-47 रायफल बरामद किये जाने का दावा किया था। उन पर पोटा के तहत भी कार्रवाई हुई थी।
 
सपा सरकार के इसी कार्यकाल में कुंडा के पुलिस उपाधीक्षक रहे जियाउलहक हत्याकांड में भी राजा भैया का नाम सुर्खियों में आया था। उन्हे मंत्री पद से इस्तीफा देना पडा था। मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने की थी। सीबीआई से क्लीन चिट मिलने के बाद उन्हें फिर से मंत्री बना दिया गया था।
    
सपा संरक्षक मुलायमसिंह यादव ने उन्हे हमेशा तरजीह दी लेकिन पहली बार वे 1997 में कल्याणसिंह मंत्रिमंडल में मंत्री बने। कल्याणसिंह को उन्हें राजनीतिक विवशता की वजह से मंत्रिमंडल में जगह देनी पडी थी। करीब 48 वर्षीय राजा भैया 25 वर्ष की उम्र में ही विधायक बन गये थे। उनके पिता उदय प्रतापसिंह ने उनकी शिक्षा दीक्षा दून स्कूल में कराई थी। कल्याण सिंह के बाद वह राम प्रकाश गुप्त और राजनाथ सिंह मंत्रिमंडल में भी मंत्री रहे।                                                                                                                        
कुंडा में मतदान चौथे चरण में 23 फरवरी को है। राजा भैया इस क्षेत्र का राज्य विधानसभा में 1993 से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उनके खिलाफ दस उम्मीदवार मैदान में हैं लेकिन क्षेत्र में राजा भैया की ही चर्चा है। कुछ लोगों का तो यह कहना है कि बाकी लोग दिखाने के लिए लड़ रहे हैं। यहां से तो राजा भैया ही जीतेंगे। उनके खिलाफ सपा ने उम्मीदवार नहीं खडा किया है, लेकिन बसपा और भाजपा प्रत्याशी भी कमजोर ही दिखायी पड़ रहे हैं।
 
 
राजा भैया का क्षेत्र में प्रभाव का आलम यह है कि दूसरे दलों के वरिष्ठ नेताओं ने भी अपने उम्मीदवारों के पक्ष में यहां सभा नहीं की। शायद उन्हे पता है कि इस क्षेत्र में सभा करने से पार्टी उम्मीदवार को कोई फायदा नहीं मिलेगा। बेहतरीन गाडियों के मालिक राजा भैया चुनाव दौरे में निकलते हैं। भीड़ मिलती है तो वह शीशा खोलकर लोगों से हाथ मिलाते हैं, कई उनका पैर भी छू लेते हैं। उनका चुनाव निशान आरी है। भीड़ में कुछ लोग आरी लेकर चलते भी दिख जाते हैं। भीड़ राजा भैया जिन्दाबाद के नारे लगाती है और वह गाड़ी आगे बढ़ा देते हैं।
 
उनके प्रचार का अंदाज भी अलग है। वे घर-घर नहीं जाते। चुनाव के दौरान चार-छ: गांव के लोगों को एक जगह बुला लेते हैं। वहीं सभा होती है और वह अपनी बात कह देते हैं। चुनाव में जीत को लेकर मुतमईन राजा भैया का कहना है कि वह जीत का अन्तर ऐतिहासिक रखना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि उनके जीत के अन्तर को कोई छू न सके।  वे अपनी छवि को बिगाडने का आरोप मीडिया पर लगाते हैं। 
 
उनका कहना है कि उनके तालाब में मगरमच्छ की बात मीडिया ने खूब उछाली थी, लेकिन जांच के बाद दूध का दूध पानी का पानी हो गया। कुंडा क्षेत्र में कुल 3 लाख 15 हजार 457 मतदाता हैं। जिसमें एक 73 हजार 180 पुरुष और एक 42 हजार 269 महिला मतदाता हैं। 2012 के चुनाव में राजा भैया 88255 मतों से जीते थे। दूसरे नम्बर पर रहे बसपा उम्मीदवार शिवप्रकाश मिश्रा सेनानी को मात्र 23137 वोट मिले थे। उस चुनाव में 52.14 प्रतिशत मतदान हुआ था। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

रिलायंस जियो का धमाकेदार ऑफर, जानिए 10 खास बातें...