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रालोद की मदद से ही उत्तरप्रदेश में बनेगी अगली सरकार

हमें फॉलो करें रालोद की मदद से ही उत्तरप्रदेश में बनेगी अगली सरकार
, मंगलवार, 21 फ़रवरी 2017 (16:25 IST)
लखनऊ। राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने तीसरे चरण तक हुए विधानसभा चुनाव में कम से कम 40 सीटों पर जीत का दावा करते हुए कहा कि उत्तरप्रदेश में बनने वाली सरकार में रालोद की अहम भूमिका रहेगी। रालोद के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री चौधरी साहब सिंह ने कहा कि राज्य विधानसभा के चुनाव में स्पष्ट बहुमत किसी दल को नहीं मिलेगा, ऐसे में रालोद की मदद के बगैर सरकार नहीं बनेगी। रालोद किसानों के प्रति हमदर्दी रखने वाले दल को ही समर्थ देगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भाषण से ही जनता का पेट भरने में माहिर है। उन्होंने दोनों दलों की सरकारों को किसान विरोधी करार देते हुये कहा कि मोदी अपने भाषण में कहते हैं उत्तरप्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के 24 घंटे के भीतर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा।
 
उन्होंने प्रधानमंत्री पर पद की गरिमा के अनुरूप भाषण नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे कब्रिस्तान और श्मसानघाट पर राजनीति कर समाज को बांटने का काम कर रहे हैं। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री उद्योगपतियों का करोडों का कर्ज माफ कर सकते हैं तो किसानों का कर्ज माफ क्यों नहीं करते। कर्ज माफी वाला उनका बयान किसानों को गुमराह करने वाला है। लोगों को उनके बहकावे में नहीं आना चाहिए। प्रधानमंत्री चाहें तो किसानों का कर्ज तत्काल माफ करने की घोषणा कर सकते हैं। 
 
बडौत विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे सिंह ने कहा कि रालोद साम्प्रदायिक ताकतों को सत्ता से बाहर करने के लिए संघर्ष जारी रखेगा। उन्होंने दावा किया कि उनके दल को कम से कम 50 सीटों पर सफलता मिलेगी। रालोद नेता ने कहा कि राजनीति में किसी दल का साथ स्थायी नहीं है, लेकिन साम्प्रदायिक ताकतों को रोकने और किसान हितों के लिए काम करने वाले दलों का रालोद समर्थन करेगा।
 
उन्होंने प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने किसानों के नाम पर सरकार तो बनाई, लेकिन गन्ना किसानों को आज तक भुगतान नहीं मिला। बडौत इलाके की मलकपुर चीनी मिल पर आज भी किसानों का करोड़ों रुपया बकाया है। रालोद ने किसानों को गन्ने का भुगतान कराने का प्रयास किया, लेकिन समाजवादी सरकार ने चीनी मिलों से साठगांठ कर किसानों की अनदेखी करने का काम किया। (वार्ता)

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