उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक्जीट पोल के नतीजे तो सामने ही है, लेकिन उससे पहले ही महाराष्ट्र म्यूनिसिपल के चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद सट्टाबाजार में भाजपा को यूपी में बहुमत के नजदीक आने पर दांव लग रहा है। सट्टा बाजार में लग रहे दांवों के बीच भाजपा अपने विरोधियों पर भारी पड़ती नजर आ रही है।
सट्टेबाजों के मुताबिक भाजपा के 180 सीट जीतने का अनुमान लगाया जा रहा है। दिल्ली के एक प्रमुख सट्टेबाज ने बताया कि लोग भाजपा के पक्ष में नजर आ रही लहर के खिलाफ पैसा लगाने से बच रहे हैं। भाजपा ने हाल में महाराष्ट्र की 10 म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन में से 8 पर जीत दर्ज की है। इसके अलावा भाजपा ने ओडिशा और छत्तीसगढ़ के निकाय चुनावों में भी काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।
मायावती तो शुरू से ही बहुजन समाजवादी पार्टी को पूर्णबहुमत का दावा कर रही थी लेकिन उसका हाथी तो सट्टा बाजार में बैठा हुआ है। साइकल थोड़ी बहुत चल रही है। दिल्ली से लेकर मुंबई और राजस्थान तक के सटोरिए उत्तर प्रदेश के चुनाव पर दांव खेल रहे हैं। सट्टेबाज ने बताया कि महाराष्ट्र चुनावों में यह दिखा कि नोटबंदी का असर मोदी की इमेज पर नहीं पड़ा है। उसके मुताबिक हालिया चुनावों में भाजपा के अच्छे प्रदर्शन के कारण लोग उसकी जीत पर पैसे लगा रहे हैं।
फिलहाल उत्तर में 403 विधानसभा सीटों में भाजाप के 180 सीट जीतने पर 1:1 का भाव चल रहा है। इसके मुताबिक अगर भाजपा 180 सीट जीतने में कामयाब रही तो उसकी जीत पर दांव लगाने वाले को दोगुना फायदा होगा। सट्टाबाजार यह मानने को तैयार नहीं है कि समाजवादी पार्टी 150 से अधिक सीटें जीत पाएगी। एसपी के 150 सीटें जीतने पर 2.5:1 का भाव चल रहा है। वहीं एसपी की 160 सीटों पर जीत के लिए 4:1 का भाव चल रहा है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की घोषणा के तुरंत बाद ऐसी स्थिति नहीं थी। चुनाव शुरू होने से पहले सट्टाबाजार का आकलन किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं दे रहा था। बाजार के मुताबिक कोई भी पार्टी 170 सीटें जीतती नहीं दिख रही थी। भाजाप और एसपी के 170 सीटें जीतने पर 4:1 और 160 सीटों पर 2.5:1 का भाव चल रहा था। अब ऐसा नहीं है, हाल में भाजपा के लिए बाजार की उम्मीदों में तेजी से इजाफा हुआ है।
आखरी दौर की वोटिंग के बाद कमल खिलता हुआ बताया जा रहा है। भाजपा को 190 और सपा गठबंधन को 130 सीटें तक मिलने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इस संभावना पर अकेले बनारस में ही पच्चीस करोड़ रुपए का दांव लगा हुआ है। मायावती की भाजपा को सट्टेबाजों ने शुरू से ही भाव नहीं दिया है। उसे कभी सौ से ज्याद का भाव नहीं मिला लेकिन अब तो वह 80 से नीचे है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि मुस्लिम वोट यदि एकतरफा बसपा के पक्ष में गया तो सभी अनुमान गलत साबित हो जाएंगे।
बनारस के चुनाव में तो सट्टेबाजों में मोटी रकम दाव पर लगा रखी है। दक्षिणी सीट पर भाजपा की हार जीत पर लखों रुपए दांव पर है। कैंट और उत्तरी सीट पर भाजप की हार पर दांव लगा हुआ है। चुनाव के हर दौर में बंपर वोटिंग के बावजूद सट्टा बाजार में 190 से ज्यादा सीटें न बढ़ने पर भाजपा भी परेशान है। उन्हें 220 से ज्यादा की आशा है, लेकिन फिलहाल सरकार तो गठबंधन करने ही बनाई जाने की आशंका है।
सट्टेबाजों का कहना है कि वे उत्तर प्रदेश में वोटिंग पैटर्न के शिफ्ट होने के गवाह रहे हैं। 2012 में शहरी क्षेत्र के वोटर्स ने अखिलेश यादव में भरोसा जताया था, लेकिन इस साल वे भाजपा के साथ दिख रहे थे। 2012 के विधानसभा चुनावों में एसपी को 224 सीटें, बीएसपी को 80 और बीजेपी को 47 सीटें मिली थीं। (एजेंसी)