लखनऊ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बीच हुए चुनावी गठबंधन पर तंज कसते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने यहां शनिवार को कहा कि दोनों 'शहजादे' अपनी राजनीतिक विरासत को बचाने के लिए एक साथ खड़े हुए हैं।
कांग्रेस और सपा का गठबंधन अवसरवादी सोच का नतीजा है। लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए स्मृति ईरानी ने अखिलेश व राहुल पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, 'दोनों राजनीतिक पार्टियां राजनीतिक स्वार्थ में एकजुट हुई हैं। दोनों शहजादे अपनी राजनीतिक विरासत को बचाने के लिए चिंतित हैं, लेकिन भाजपा यूपी के विकास के लिए चुनाव लड़ रही है।'
यह पूछे जाने पर कि क्या डिंपल यादव व प्रियंका गांधी वाड्रा के एक साथ चुनाव प्रचार करने से कोई असर पड़ेगा? उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि कोई फर्क पड़ेगा। चुनाव प्रचार के लिए मुद्दे ज्यादा जरूरी हैं। कौन किसके साथ प्रचार करता है, इसका कोई मतलब नहीं है।'
'तीन तलाक' को लेकर स्मृति ईरानी ने अखिलेश व राहुल की चुप्पी पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा, 'महिलाओं की चिंता करने वाले इन दोनों नेताओं को तीन तलाक पर भी अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। उन्हें यह बताना चाहिए कि मुस्लिम महिलाओं की बेहतरी के लिए इस मुद्दे पर उनका क्या कहना है, वे लोग केवल सुविधाजनक राजनीति करते हैं।'
महिलाओं को कम टिकट दिए जाने को लेकर एक सवाल के जवाब में स्मृति ईरानी ने कहा कि सभी दलों की अपेक्षा ज्यादा से ज्यादा टिकट भाजपा ने महिलाओं को दिया है।
गौरतलब है कि गुरुवार को अखिलेश यादव और राहुल गांधी आगरा में साझा रैली करते नजर आए। इससे पहले दोनों नेताओं ने लखनऊ में साझा रोड शो किया था। इसके बाद दोनों नेता 9 फरवरी को कानपुर में भी रोड शो करेंगे। हालांकि दोनों ही नेताओं की पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर कुछ मुद्दे अभी भी सुलझे नहीं हैं, लेकिन रोड शो जारी रहेगा। पिछले हफ्ते लखनऊ में दोनों नेताओं की पहली साझा उपस्थिति में काफी संख्या भीड़ उमड़ी थी।