लखनऊ-इंफाल। देश के पांच राज्यों में बुधवार को मतदान समाप्त हो गया और अब सबकी नजर 11 मार्च को आने वाले परिणामों पर हैं जिसके साथ दो महीने से चल रही चुनाव प्रक्रिया समाप्त होगी। चुनाव परिणामों को नोटबंदी के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पर जनमत-संग्रह के रूप में देखा जा रहा है।
सर्वाधिक उत्सुकता उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणामों को लेकर है जहां मोदी और उनकी पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने सात चरणों में हुए मतदान से पहले प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी।
उत्तर प्रदेश में आज अंतिम चरण के मतदान में करीब 60 प्रतिशत मतदान हुआ और इस तरह 403 सदस्यीय विधानसभा के संपूर्ण चुनावों में मतदान प्रतिशत करीब 61 के स्तर पर पहुंच गया। मणिपुर में आज दूसरे और आखिरी चरण के वोट पड़े जहां 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए कुल मिलाकर 85 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया।
इन दोनों के अलावा पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में भी चुनाव हुए हैं। एक्जिट पोल कल आएंगे। इन चुनाव को मोदी के लिए शक्ति परीक्षण के तौर पर देखा जा रहा है। भाजपा ने सत्ता के लिए खासतौर पर उत्तर प्रदेश जैसे अहम राज्य में सरकार बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी जहां वह 15 साल से सत्ता में नहीं है।
पिछले साल आठ नवंबर को नोटबंदी के फैसले के बाद यह पहला बड़ा चुनाव है। उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों ने एक दूसरे पर जमकर प्रहार किए और नए नए जुमले पेश किए जिन पर विवाद भी उठे। मोदी ने अपनी रैलियों में सपा और कांग्रेस के विपक्षी गठबंधन को आड़े हाथ लेते हुए उन्हें ‘स्कैम’ (एससीएएम) की संज्ञा दी तो मायावती की बसपा को ‘बहनजी संपत्ति पार्टी’ कहा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ‘स्कैम’ की अपनी परिभाषा बनाई और इसे ‘सेव कंट्री फ्रॉम अमित शाह एंड मोदी’ का संक्षिप्त रूप बताया। उन्होंने प्रसिद्ध अभिनेता अमिताभ बच्चन से गुजरात के गधों के विज्ञापन में नहीं आने की सलाह दी तो भाजपा खेमे में जबरदस्त नाराजगी देखी गई। मोदी पर ‘कब्रिस्तान और श्मशान’ जैसी बातें करके मतदाताओं के ध्रुवीकरण के प्रयास करने के आरोप भी लगे। (भाषा)