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गठबंधन का फंसा पेंच, कांग्रेस उतार सकती है सभी सीटों पर प्रत्याशी!

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अवनीश कुमार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में लंबे समय से कांग्रेस व समाजवादी पार्टी के गठबंधन की चर्चा पर आखिरकार विराम लगता नजर आ रहा है, जहां एक तरफ एक दिन पहले ही समाजवादी पार्टी ने 209 प्रत्याशियों की सूची जारी कर कांग्रेस को जोरदार झटका दिया तो वहीं सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि रविवार तक कांग्रेस पार्टी भी कुछ सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर सकती है। 
 
आज दिनभर गठबंधन को लेकर कांग्रेस व समाजवादी पार्टी के आला नेता एक दूसरे से बातचीत करते रहे लेकिन देर शाम तक कोई भी हल नहीं निकला। सूत्रों का कहना है की जहां समाजवादी पार्टी 85 सीट कांग्रेस को देने के लिए तैयार हैं तो वहीं कांग्रेस 120 से अधिक सीटे मांग रही है, लेकिन वही समाजवादी पार्टी कांग्रेस पार्टी को 85 सीटों से ज्यादा देने को तैयार नहीं है। 
 
इस बारे में जब समाजवादी पार्टी के सूत्रों से जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने स्पष्ट रूप में कहा, उम्मीद है, पर नाममात्र की रह गई है और शायद अब गठबंधन हो भी न पाएगा तो वहीं कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने बताया कि समाजवादी पार्टी अपनी जिद्द पर अड़ी है और कांग्रेस पार्टी के सेटिंग विधायक को भी सीट नहीं देना चाहते हैं ऐसे में बहुत मुश्किल है। 
 
जब इस बारे में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की बात कहते हुए बताया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गठबंधन को लेकर काफी गंभीर थे, इसलिए अखिलेश कांग्रेस के साथ गठबंधन पर पार्टी के किसी दूसरे नेता को शामिल ना करके खुद ही सीटों को लेकर बात कर रहे थे। 
 
अखिलश यादव की तरफ से गठबंधन में पहले कांग्रेस को 85 सीटों का ऑफर दिया गया लेकिन बाद में कांग्रेस की तरफ से डिमांड बढ़कर 120 सीट पर पहुंच गई क्योंकि कांग्रेस गठबंधन में आरएलडी को भी शामिल करना चाहती थी, लेकिन बाद में जब अखिलेश की तरफ से कांग्रेस खेमे को यह समझाया गया कि आरएलडी के साथ गठबंधन नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए बात सिर्फ समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठंबधन पर ही सिमट गई। अब आगे कुछ भी हो अभी के हालात देखते हुए यह स्पष्ट हो रहा है कि कहीं ना कहीं गठबंधन पर ग्रहण लग गया है, अब यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि गठबंधन होता है कि नहीं!
 
जब इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक जानकार अशोक कुमार अग्निहोत्री से बातचीत की तो उन्होंने बताया की अगर गठबंधन होता तो सर्वाधिक फायदा समाजवादी पार्टी को होता और इससे कांग्रेस का जनाधार कमजोर पड़ता। भले ही कांग्रेस उत्तर प्रदेश में कितनी भी सीटें बड़ा ले लेकिन इसका फायदा कांग्रेस पार्टी को नहीं होगा। 
 
उन्‍होंने कहा, अगर गठबंधन नहीं होता है तो कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनाव में बहुत मजबूती के साथ मैदान में भारतीय जनता पार्टी को टक्कर देगी क्योंकि बगैर गठबंधन के चुनाव लड़ने में कांग्रेस उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा में अपने 403 नेता और उनके समर्थकों को एक संगठन के रूप में प्राप्त करेगी, जो उसके समय रहते पार्टी को आने वाले समय के लिए मजबूती प्रदान करे।
 
उन्‍होंने कहा, जहां तक समाजवादी पार्टी का सवाल है, मेरा यह मानना है कि उत्तर प्रदेश में स्पष्ट बहुमत ना तो समाजवादी पार्टी को मिलेगा, ना ही भारतीय जनता पार्टी को और ना ही बहुजन समाज पार्टी को, परंतु इस लड़ाई का फायदा बहुजन समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश में होने जा रहा है और समाजवादी पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा और रही भारतीय जनता पार्टी की बात, यह तो आने वाला समय ही उसका भविष्य तय करेगा।


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