कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में लगभग एक लाख से अधिक नए मतदाता जोड़े गए हैं, पर अभी भी आधे ही पहचान पत्र मतदातआओं तक पहुंच सके हैं, जिसके चलते चुनाव आयोग ऐसे मतदाताओं को मतदान के लिए कई वैकल्पित व्यवस्था देने को तैयार है।
विधानसभा चुनाव 2017 के लिए चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को नए सिरे से दुरुस्त करवाया है। जिसके चलते कानपुर जनपद में एक लाख से अधिक नए मतदाता मतदाता सूची में जुड़ गए, लेकिन अभी भी 58 हजार ही पहचान पत्र मतदाताओं तक पहुंच सके। ऐसे में मतदान करना नए मतदाताओं के लिए मुसीबत बनती जा रही थी। जिसके चलते चुनाव आयोग इस पर विचार-विमर्श कर वैकल्पिक व्यवस्था जारी कर दी।
एडीएम व जिला उप निर्वाचन अधिकारी समीर वर्मा ने बताया कि जिन मतदाताओं को मतदान के दिन तक पहचान पत्र नहीं मिल सकेंगे। उन्हें भी वोट डालने का अधिकार होगा। कहा कि पहले तो यह पूरी तरह से कोशिश की जा रही है कि सभी मतदाताओं का पहचान पत्र मतदान से पहले ही भेज दिया जाए। इसके लिए सभी बीएलओ व जिम्मेदार अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं।
अगर पहचान पत्र नहीं मिल पाता तो मतदाताओं को परेशान होने की जरूरत नहीं है। ऐसे मतदाताओं के लिए कुछ विकल्प दिए जाएंगे उन विकल्पों के आधार पर मतदान कर सकेगा। जिला उप निर्वाचन अधिकारी समीर वर्मा ने बताया कि पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंकों, डाकघर की फोटोयुक्त पासबुक, आरजीआई, एनपीआर के स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजनाओं के तहत जारी बीमा स्मार्ट कार्ड, फोटो युक्त पेंशन दस्तावेज, चुनाव आयोग की ओर से जारी फोटो युक्त प्रमाणित मतदाता पर्ची से भी मतदान किया जा सकेगा।
इसके साथ ही सांसद, विधायक व विधान परिषद सदस्यों द्वारा जारी सरकारी पहचान पत्र, आधार कार्ड दिखाकर भी मतदान किया जा सकेगा। राज्य अथवा केंद्र सरकार या सार्वजनिक उपक्रम एवं पब्लिक लिमिटेड कंपनियों के कर्मचारी फोटोयुक्त पहचान पत्र दिखाकर वोट डाल सकेंगे।