बुलंदशहर। विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। सभी दल इस समय सरकार बनाने के लिए अपनी ताल ठोंक रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी भी उत्तरप्रदेश में अपनी पार्टी को मजबूती देने के लिए मैदान में उतार आई हैं। वे यूपी में जगह-जगह जाकर पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ प्रतिज्ञा सम्मेलन कर संवाद रही हैं।
रविवार को प्रियंका पश्चिमी उत्तरप्रदेश के मेरठ मंडल के 14 जिलों के प्रतिज्ञा संवाद सम्मेलन में भागीदार बनने के लिए बुलंदशहर जिले में पहुंची।
अपनी प्रिय नेता को देखने और मिलने के लिए वहां भारी भीड़ उमड़ पड़ी। भीड़ से गदगद कांग्रेस नेत्री प्रियंका ने वर्तमान सरकार को महंगाई के मुद्दे पर घेरते हुए कहा कि सरकार को केवल अपने हितों की तरफ ध्यान दे रही है, उसे लोगों पर पड़ रही महंगाई की मार की कोई चिंता नही है, बस चिंता है तो भाजपा को अपने हितों की। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस सत्ता में आएगी तो लोगों को महंगाई के साथ अन्य समस्याओं से भी निजात मिलेगी।
प्रियंका ने इस दौरान सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार के ऊपर जमकर तीर चलाए। इस सरकार में गरीबों और महिलाओं की स्थिति दयनीय है, किसानों के साथ नहीं है भाजपा सरकार। 70 साल में पेट्रोल के दाम 70 रुपए पहुंचे, वहीं भाजपा के 7 साल के कार्यकाल में पेट्रोल 100 पार हो गया, गैस-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। आपकी लड़ाई सपा और बसपा नहीं सिर्फ कांग्रेस लड़ रही।
हाथरस, उन्नाव में कहीं भी दोनों पार्टियां नजर नहीं आई। अकेले कांग्रेस सड़कों पर उतरकर लोगों की लड़ाई लड़ रही है। कांग्रेस के पदाधिकारी कार्यकर्ता आपकी लड़ाई लड़ते हुए जेल जा रहे हैं अन्य कोई पार्टी कहीं नजर नहीं आती।
उन्होंने प्रतिज्ञा संवाद सम्मेलन में मेरठ, आगरा और अलीगढ़ मंडल के पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं से आगामी विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले दावेदारों के साथ सीधा संवाद स्थापित किया। मंच साझा करते हुए प्रियंका ने अहा कि वह अकेले अपने दमखम पर यूपी में चुनाव लड़ेगी। किसी भी दल.के साथ गठबंधन नहीं होगा और यूपी की सभी सीटों पर उम्मीदवार खड़े होंगे।
15 नवंबर 2021 को प्रियंका गांधी वाड्रा मुरादाबाद एवं बरेली के पदाधिकारियों से सीधा संवाद करेंगी। बुलंदशहर में कांग्रेस के प्रतिज्ञा सम्मेलन में महिला कार्यकर्ताओं को प्रमुखता दी गई।
कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव के मंच पर जाने से पहले कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से गोपनीय बातचीत की। इस बातचीत के दौरान मीडिया से दूरी बनाई गई।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि प्रियंका गांधी वाड्रा नहीं चाहती थीं कि पार्टी की गोपनीय चर्चा बाहर आए। प्रतिज्ञा सम्मेलन में मौजूद पार्टी पदाधिकारियों से प्रियंका गांधी ने सुझाव लेने और देने के अलावा उनकी परेशानियों को भी जाना।